Loksabha Election 2019 : घोसी में भाजपा ने हरिनारायण राजभर पर ही लगाया दांव
भाजपा ओमप्रकाश राजभर या उनके पुत्र अरविंद राजभर को भाजपा अपने सिंबल पर मैदान में उतारने की रणनीति बना चुकी थी लेकिन यह शर्त ओमप्रकाश राजभर को मंजूर नहीं हुई।
लखनऊ, जेएनएन। भाजपा ने सबसे आखिर में घोसी संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवार की घोषणा की है। रविवार को भाजपा ने मौजूदा सांसद हरिनारायण राजभर को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। घोसी में 2014 में पहली बार भाजपा का खाता खुला था।
भाजपा घोसी संसदीय क्षेत्र से राजभर उम्मीदवार लड़ाना चाहती थी लेकिन, हरिनारायण कसौटी पर बहुत खरे नहीं थे। इसीलिए सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर या उनके पुत्र अरविंद राजभर को भाजपा अपने सिंबल पर मैदान में उतारने की रणनीति बना चुकी थी लेकिन, यह शर्त ओमप्रकाश राजभर को मंजूर नहीं हुई। कई दिनों की समझौता वार्ता के बाद भाजपा ने अंतत: हरिनारायण राजभर को ही मौका दे दिया क्योंकि ओमप्रकाश राजभर किसी भी हाल में भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हुए।
ओमप्रकाश राजभर की पार्टी से महेंद्र राजभर घोसी से उम्मीदवार घोषित हैं। महेंद्र 2017 के विधानसभा चुनाव में मऊ क्षेत्र से सुभासपा-भाजपा के साझा उम्मीदवार थे। वह 88 हजार से अधिक मत पाने के बावजूद बसपा के बाहुबली मुख्तार अंसारी से चुनाव हार गए थे। अब घोसी का चुनाव काफी रोमांचक होगा। यहां पर गठबंधन से बसपा कोटे से अतुल राय और कांग्रेस से पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान चुनाव मैदान में हैं।
राजभर ने भाजपा के खिलाफ खोला मोर्चा
भाजपा ने रविवार की शाम को घोसी लोकसभा क्षेत्र में अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया लेकिन, इसके पहले ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने दो टूक कह दिया था कि भाजपा उन्हें घोसी सीट देगी तो भी समझौता नहीं करेंगे। मंगलवार को ही उन्होंने 39 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये थे। रविवार को देवरिया जिले के सलेमपुर क्षेत्र से उन्होंने विद्रोह का बिगुल बजाते हुए भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
अपनी पार्टी सिंबल पर चुनाव लडऩा चाहते थे राजभर
ओमप्रकाश राजभर ने 16 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय समेत कई प्रमुख नेताओं के खिलाफ अपने उम्मीदवारों की घोषणा की थी। तब राजभर ने कहा था कि उनकी अब भी इच्छा है कि भाजपा के साथ मिलकर लड़ें। इस बीच राजभर से भाजपा की भी बातचीत चलती रही। दरअसल, भाजपा नेतृत्व ने यह पेशकश की थी कि वह घोसी सीट पर भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़ें। 16 वर्षों से अपना राजनीतिक दल चला रहे राजभर अपनी पार्टी सुभासपा के सिंबल पर चुनाव लडऩा चाहते थे। बात बनी नहीं तो अब राजभर ने अपने उम्मीदवारों का नामांकन कराना शुरू कर दिया है। उन्होंने दो टूक कह दिया है कि अब कोई समझौता नहीं होगा।
इस बीच उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि वह सरकार नहीं छोड़ेंगे। अगर भाजपा चाहे तो उन्हें हटा सकती है। सरकार में रहते हुए राजभर ने भाजपा से समझौते में सीट न मिलने पर निकाय चुनाव में भी अपने उम्मीदवार उतारे थे।