Lok Sabha Election 2019: जानिए, उंगली पर लगनेवाली स्याही क्यों होती है अमिट
Lok Sabha Election 2019. पहली बार अमिट स्याही 1962 के आम चुनाव में इस्तेमाल हुई थी ताकि बोगस मतदान पर रोक लग सके।
रांची, जेएनएन। अमिट स्याही सिल्वर नाइट्रेट में घुली डाई होती है। सिल्वर नाइट्रेट रंगहीन विलयन होता है। अंगुली पर लगने वाला रंग डाई का ही होता है। उंगली पर लगने के बाद सिल्वर नाइट्रेट त्वचा से निकलने वाले पसीने में मौजूद सोडियम क्लोराइड (नमक) से क्रिया करके सिल्वर क्लोराइड बनाता है। धूप के संपर्क में आने पर यह सिल्वर क्लोराइड टूटकर धात्विक सिल्वर में बदल जाता है।
धात्विक सिल्वर पानी या वार्निश में घुलनशील नहीं होता इसलिए इसे अंगुली से आसानी से साफ नहीं किया जा सकता। यह अमिट स्याही मैसूर की कंपनी द्वारा बनाई जाती है। मैसूर के महाराजा नालवाड़ी कृष्णराज वाडियर ने 1937 में एक कंपनी मैसूल लैक एंड पेंट्स लिमिटेड बनाई थी जो अब मैसूर पेंट्स एंड वॉरनिश लिमिटेड के नाम से जानी जाती है। यही कंपनी यह स्याही बनाती है। पहली बार अमिट स्याही 1962 के आम चुनाव में इस्तेमाल हुई थी ताकि बोगस मतदान पर रोक लग सके।