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Lok Sabha Election 2019: झारखंड के सभी समुदायों को साधने की कोशिश में महागठबंधन

Lok Sabha Election 2019. शिबू सोरेन की हरी झंडी के बाद चुनाव के संयुक्त कार्यक्रम तय करेंगी तीनों प्रमुख पार्टियां। दो दिन में तैयार होगी कोर्डिनेशन कमेटी बागियों को करेंगे निष्कासित।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 09:25 AM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 09:25 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: झारखंड के सभी समुदायों को साधने की कोशिश में महागठबंधन
Lok Sabha Election 2019: झारखंड के सभी समुदायों को साधने की कोशिश में महागठबंधन

रांची, राज्य ब्यूरो। Lok Sabha Election 2019 - महागठबंधन का स्वरूप तो तय हो गया लेकिन सभी समुदायों के प्रतिनिधित्व का सवाल कहीं न कहीं उठ खड़ा हुआ है। मसला गोड्डा लोकसभा सीट को जोड़ता है और यहां से कांग्रेस के फुरकान अंसारी की दावेदारी थी और वे पहले भी सीट निकाल चुके हैं। अब यह सीट झाविमो  के खाते में जाने से तीनों दलों के सामने अल्पसंख्यक उम्मीदवार के लिए कोई सीट नहीं बच जा रहा है।

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इससे दुष्प्रचार का खतरा महागठबंधन के सामने है और इससे निपटने के लिए पहला कदम उठाया गया है राज्यसभा सीट की दावेदारी का। बाबूलाल मरांडी ने गोड्डा पर दावेदारी करते हुए राज्यसभा से फुरकान अंसारी को दिल्ली भेजने का प्रस्ताव दिया था और उसे ही तीनों पार्टियों ने मान लिया है। लेकिन   कहीं न कहीं अल्पसंख्यकों का सवाल सभी को सिरदर्द दे रहा है।

रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में इसी कारण हेमंत सोरेन, डा. अजय कुमार और बाबूलाल मरांडी ने अल्पसंख्यकों को बाद में कहीं न कहीं फायदा देने की बात कही। तीनों दल मिलकर दो दिनों में कोर्डिनेशन कमेटी बना लेंगे और यही कमेटी आगे के चुनावी कार्यक्रमों को हरी झंडी देगी। इसके प्रमुख शिबू सोरेन हो सकते हैं।

हेमंत सोरेन ने प्रेस  कांफ्रेंस के दौरान कोऑर्डिनेशन कमेटी की जानकारी देते हुए कहा कि सभी कार्यक्रम सहमति से तय होंगे। उन्होंने महागठबंधन के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके प्रयास से ही यह फासला तय हो सका है। हेमंत ने कहा कि मौजूदा हालात में अल्पसंख्यकों को कोई सीट देना संभव नहीं दिख रहा है लेकिन उन्हें विधानसभा में उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा।

महागठबंधन इस समुदाय की मांगों को दरकिनार नहीं करता है। बाबूलाल मरांडी ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि देश में संवैधानिक संस्थानों को नष्ट करनेवालों को बदलना हमारा लक्ष्य होगा। उन्होंने मॉब लिंचिंग की भी बात उठाई और कहा कि किसी को लाठी से पीट-पीट कर बेरहमी से मार देना और फिर कार्रवाई नहीं होने से सरकार पर सवाल उठते हैं।

उन्होंने दावा किया कि लोकसभा और विधानसभा से राजग को बेदखल करने में यह महागठबंधन सफल होगी। यह भी सूचना दी कि फिलहाल पलामू सीट राजद के लिए छोड़ दिया गया है और राजद को मनाने का जिम्मा कांग्रेस का है। इसके पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डा. अजय कुमार ने शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन को धन्यवाद देते हुए कहा कि मोदी और रघुवर सरकार की नीतियों के खिलाफ यह महागठबंधन तैयार हुआ है और भाजपा को सत्ता से बेदखल करना हमारा लक्ष्य है।

उन्होंने कहा कि वामदलों से भले ही अभी बात नहीं बनी हो लेकिन विधानसभा चुनाव में  उन्हें भी सीटें दी जाएंगी। 2020 के राज्यसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के प्रत्याशी को तीनों दल उम्मीदवार बनाएंगे।


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