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Election 2019: बंगाल में महज 30 फीसद पोलिंग बूथ ही संवेदनशील

Election 2019 बंगाल में महज 30 फीसद पोलिंग बूथ ही संवेदनशील विपक्षी दलों की ओर से चुनाव आयोग से प.बंगाल के सभी बूथों को अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखने की मांग की गई थी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 11:10 AM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 11:10 AM (IST)
Election 2019: बंगाल में महज 30 फीसद पोलिंग बूथ ही संवेदनशील
Election 2019: बंगाल में महज 30 फीसद पोलिंग बूथ ही संवेदनशील

कोलकाता, जागरण संवाददाता। विपक्षी दलों की ओर से बीते दिनों चुनाव आयोग से पश्चिम बंगाल के सभी बूथों को अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखने की मांग की गई थी। भाजपा की ओर से बीते दिनों इस बाबत दिल्ली में चुनाव आयोग से एक प्रतिनिधिमंडल मिला और पूरे राज्य को अतिसंवेदनशील घोषित करने की मांग की।

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वहीं, बंगाल कांग्रेस के नेताओं ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर सभी 77000 बूथों को संवेदनशील घोषित करने की मांग रखी। इससे इतर राज्य में मुख्य चुनाव अधिकारी (सीइओ) कार्यालय ने दिल्ली में निर्वाचन आयोग को जो रिपोर्ट सौंपा है उसमें महज 30 फीसद बूथों को ही संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है।

सीइओ दफ्तर सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव के लिए 30 फीसद बूथों को ही संवेदनशील के तौर पर चिन्हित किया गया है। अर्थात संख्या के लिहाज से बात करें तो 18461 बूथों को संवेदनशील के तौर पर चिन्हित किया गया है। हालांकि सीइओ दफ्तर की ओर से सौंपे गए रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अभी भी काफी संख्या में अपराधी बाहर हैं।

उल्लेखनीय है कि बीते सप्ताह ही राज्य में चुनावी तैयारी का जायजा लेने उपचुनाव आयुक्त कोलकाता पहुंचे थे। उन्होंने अलग-अलग आला प्रशासनिक अधिकारियों, जिला अधिकारियों व राजनीतिक दलों के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने कुछ जिलों के डीएम को फटकार भी लगाया था। उन्होंने एडीजी कानून-व्यवस्था सिद्धिनाथ गुप्ता को अपराधियों को पकड़ने का विशेष निर्देश भी दिया था।

सूत्रों के अनुसार गुप्ता ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 18399 अपराधी हैं जो चुनाव में बवाल का कारण बन सकते हैं। हिसाब के अनुसार इतनी अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस को प्रत्येक दिन 610 अपराधियों को पकड़ना होगा। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वाधिक अपराधी दक्षिण 24 परगना जिले में तकरीबन 2213 हैं जबकि इसके बाद दोनों बर्धमान जिले और इसके बाद वीरभूम व मुर्शिदाबाद और फिर कोलकाता का स्थान है। कोलकाता में 752 अपराधी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।


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