बिहार वाले पप्पू यादव की झारखंड में धमक, नीतीश के इन्कार के बाद अब ये सरयू के प्रचार में कूदे
Jharkhand Assembly Election 2019 जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव यहां मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़ रहे बीजेपी के बागी सरयू राय को समर्थन देने पहुंचे हैं।
रांची, जेएनएन। Jharkhand Assembly Election 2019 राजनीतिक मुद्दों, जनहित से जुड़ी समस्याओं और मौजूं मसलों को भुनाने में माहिर माने जाने वाले बिहार के दबंग राजनेता पप्पू यादव की धमक पटना से होते हुए झारखंड की राजधानी रांची पहुंच गई है। बिहार की राजधानी पटना में बरसात से भीषण जलजमाव का मामला हो या फिर क्राइम बढ़ने या प्याज की लगातर बढ़ती कीमतों का मामला हो, प्रत्यक्ष रूप से पप्पू यादव ने जनभावना को भुनाते हुए सड़कों पर उतरकर मुखर विरोध किया।
जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव यहां भाजपा नेता और मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़ रहे बीजेपी के बागी सरयू राय को समर्थन देने पहुंचे हैं। बीते दिन उन्होंने जमशेदपुर में सरयू राय के लिए खुलकर प्रचार किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरयू ने जो चिंगारी जलाई है, उसकी लपट दिल्ली तक जाएगी। औद्योगिक नगरी में उन्होंने राज्य और केंद्र की भाजपा सरकारों को एक-एक कर निशाने पर लिया।
पप्पू यादव राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पाठशाला के उन नेताओं में शुमार हैं जो जन मुद्दे को लेकर बेहद आक्रामक तरीके से प्रतिक्रिया देते हैं। जन अधिकार पार्टी के नेता व पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ रहे सरयू राय के बारीडीह कार्यालय में कहा कि जमशेदपुर में सरयू राय ने भ्रष्टाचार व तानाशाही के खिलाफ जो चिंगारी जलाई है, उसकी आग झारखंड से बिहार होते हुए दिल्ली तक जाएगी। मोदी सरकार को घेरते हुए कहा है कि एक लाख टन प्याज मंगवाया गया है, जबकि भारत में प्रतिदिन 45 हजार टन प्याज की खपत है। सरकार कहती है कि प्याज सड़ गया, आखिर सड़ क्यों गया इसकी जांच किसी एजेंसी से क्यों नहीं कराई गई।
देश में हिटलर जैसा आतंक
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में आज हिटलर जैसा आतंक है, सभी संवैधानिक संस्था व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। सेंगर, चिन्मयानंद जैसे लोग मंत्री बनेंगे तो देश का क्या होगा। उन्होंने सवाल किया कि पांच साल भाजपा की सरकार रही, फिर 3000 से अधिक फैक्ट्रियां कैसे बंद हो गईं। रोजगार तो नहीं मिला, देश में एक करोड़ बेरोजगार हो गए। 20 हजार से अधिक आदिवासी गरीब को नक्सली कहकर जेल में बंद कर दिया। हर मासूम गरीब व आदिवासी की थाली में भोजन पर आफत है।