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दांव-पेच में उलझी चुनावी तस्वीर, गुरुग्राम व कुरुक्षेत्र में प्रत्याशी चयन में छूट रहे दलों के पसीने

हरियाणा में लोकसभा चुनावों के लिए नामांकन में सिर्फ पांच दिन बाकी हैं लेकिन सियासी दलों के दांव-पेंचों के चलते चुनावी रण की तस्वीर साफ होने का नाम नहीं ले रही।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 12:45 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 05:07 PM (IST)
दांव-पेच में उलझी चुनावी तस्वीर, गुरुग्राम व कुरुक्षेत्र में प्रत्याशी चयन में छूट रहे दलों के पसीने
दांव-पेच में उलझी चुनावी तस्वीर, गुरुग्राम व कुरुक्षेत्र में प्रत्याशी चयन में छूट रहे दलों के पसीने

चंडीगढ़ [सुधीर तंवर]। हरियाणा में लोकसभा चुनावों के लिए नामांकन में सिर्फ पांच दिन बाकी हैं, लेकिन सियासी दलों के दांव-पेंचों के चलते चुनावी रण की तस्वीर साफ होने का नाम नहीं ले रही। भाजपा ने जहां सबसे पहले सभी दस लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर प्रारंभिक बढ़त बना ली है, वहीं कांग्रेस और इनेलो के चार-चार और लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (लोसुपा)-बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दो योद्धा अभी तय नहीं हो पाए हैं। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा चार प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बाकी छह पर सभी की नजरें टिकी हैं।

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प्रत्याशियों पर सर्वाधिक असमंजस की स्थिति हॉट सीट गुरुग्राम और धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में है। गुरुग्राम में सिर्फ भाजपा व कांग्रेस ने ही अभी तक अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं, जबकि कुरुक्षेत्र में भाजपा और बसपा को छोड़कर अभी तक कोई दल अपना उम्मीदवार मैदान में नहीं उतार सका है। यहां कांग्रेस, इनेलो और जेजेपी-आप वर्करों में प्रत्याशियों की घोषणा नहीं होने से कार्यकर्ता कुछ ढीले पड़ने लगे हैं।

हालांकि सुरक्षित सिरसा में चुनावी तस्वीर काफी हद तक साफ हो चुकी जहां सभी प्रमुख दलों ने प्रत्याशी उतार दिए हैं। इसके अलावा अंबाला के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी से सटे फरीदाबाद में भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और लोसुपा-बसपा गठबंधन ने अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। बस इंतजार है तो आप-जेजेपी गठबंधन के प्रत्याशी का, जिसके बाद चुनावी समीकरण साफ हो जाएंगे। भिवानी, हिसार और रोहतक में चार और करनाल व सोनीपत में तीन प्रमुख दलों ने अपने प्रत्याशियों को टिकट देकर नामांकन की हरी झंडी दे दी है।

चुनाव प्रचार की दौड़ में फिलहाल भाजपा आगे है जिसके सभी प्रत्याशियों ने आक्रामक रणनीति बनाते हुए जनसंपर्क शुरू कर दिया है। कांग्रेस और इनेलो द्वारा चार सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं होने से चुनाव प्रचार गति नहीं पकड़ पा रहा तो जेजेपी-आप वर्करों की निगाह छह सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा पर है।

पहले आप की रणनीति पर कांग्रेस, इनेलो और जेजेपी-आप

छह-छह सीटों पर प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने वाली कांग्रेस और इनेलो बाकी सीटों के लिए पहले एक-दूसरे के प्रत्याशी घोषित करने की रणनीति पर चल रही हैं, वहीं जजपा-आप का अपना ही गणित है। चूंकि नामांकन के लिए 23 अप्रैल तक का ही समय है, इसलिए सभी दलों को इसी सप्ताह अपने उम्मीदवार तय करने होंगे।

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