Move to Jagran APP

Loksabha Election: तब वोटिंग को ऐसे उमड़े लोग कि अब तक नहीं टूटा रिकॉर्ड

हरियाणा में आपातकाल के बाद 1977 में हुए लाेकसभा चुनाव में लोग मतदान के लिए उमड़ पड़े। उस समय इस कदर वोटिंग हुई कि यह रिकार्ड आज तक नहीं टूट सका है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 20 Mar 2019 02:43 PM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 02:43 PM (IST)
Loksabha Election: तब वोटिंग को ऐसे उमड़े लोग कि अब तक नहीं टूटा रिकॉर्ड
Loksabha Election: तब वोटिंग को ऐसे उमड़े लोग कि अब तक नहीं टूटा रिकॉर्ड

चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। हरियाणा में पढ़े-लिखों की लगातार बढ़ती फौज और तमाम जागरूकता अभियानों के बावजूद लोकसभा चुनावों में मतदान का ग्राफ बढ़ने का नाम नहीं ले रहा। लगातार 21 महीने तक देश में आपातकाल झेलने के बाद वर्ष 1977 में प्रदेश के उत्साहित लोगों ने मतदान का जो रिकॉर्ड बनाया, वह आज भी बरकरार है। सत्ता विरोधी लहर के बीच तब 73.26 फीसद मतदाताओं ने लोकतंत्र के महायज्ञ में आहुति डाली थी, जिसकी बाद में पुनरावृत्ति नहीं हो सकी।

loksabha election banner

आपातकाल हटते ही 1977 में 73.26 फीसद लोगों ने डाली थी लोकतंत्र के महायज्ञ में आहुति

वर्ष 1966 में पंजाब से अलग होकर बने हरियाणा में लोगों को अगले ही साल संसदीय चुनाव में भागीदारी का मौका मिल गया। हरित प्रदेश के गठन का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोला और 1967 में 72.61 फीसद मतदाताओं ने वोट डालते हुए प्रत्याशियों की तकदीर लिखी। हालांकि 1971 में हुए आम चुनावों में मतदान का फीसद 64.35 तक ही सिमट कर रह गया।

हरियाणा गठन के बाद 13 संसदीय चुनावों में सिर्फ चार बार 70 फीसद से अधिक मतदान

फिर 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक खिंचा आपातकाल का दौर जिसके बाद लोगों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ आक्रोश निकालते हुए रिकॉर्ड मतदान का इतिहास रच दिया। सभी दसों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को चित्त करते हुए मतदाताओं ने भारतीय लोकदल के प्रत्याशियों के सिर पर विजय का सेहरा बांधा। तब आपातकाल के हीरो और कांग्रेस के कद्दावर नेता चौधरी बंसी लाल तक को भी महिला चंद्रावती से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

पंजाब से अलग होने के बाद 13 बार हुए संसदीय चुनावों में सिर्फ चार मौके ही ऐसे आए जब प्रदेश में 70 फीसद से अधिक मतदान हुआ।  1996 में 70.48 फीसद लोगों ने वोट डाले, जबकि 2014 में 72 फीसद लोगों ने मतदान किया। पिछले आम चुनाव में मतदान के प्रतिशत में कुछ सुधार के बाद चुनाव आयोग ने इस बार आपातकाल के रिकॉर्ड मतदान का रिकॉर्ड तोड़ने का लक्ष्य रखा है।

हरियाणा में संसदीय चुनावों का इतिहास

वर्ष                मतदान (फीसद में)

1967            72.61

1971            64.35

1977            73.26

1980            64.76

1984            66.84

1989            64.41

1991            65.84

1996            70.48

1998            68.99

1999            63.68

2004           65.72

2009           67.48

2014           72.00

-------

शराब की सप्लाई और होली उत्सव पर आयोग की नजर

चुनावों में शराब के बढ़ते इस्तेमाल से निपटने के लिए चुनाव आयोग ने डिस्टलरी व बॉयलर प्लांट पर पहरा बैठा दिया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजीव रंजन ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को सभी प्लांटों की जांच करने के निर्देश दिए हैं। किसी डिस्टिलरी में अगर कोई इंस्पेक्टर लंबे समय से तैनात है तो उसका तबादला किया जाएगा।

सीसीटीवी कैमरे सभी गतिविधियों पर नजर रखेंगे और अगर कोई संदेहजनक गाड़ी डिस्टिलरी से निकलती है तो इसकी सूचना सी-विजिल एप पर दी जा सकेगी। एक ही नंबरों के वाहनों पर भी कड़ी निगरानी होगी। इसके अलावा सभी लाइसेंस वाले हथियार जमा कराने के अभियान में तेजी लाते हुए होली उत्सव समारोह पर भी पूरी नजर रखी जाएगी ताकि उत्सव की आड़ में वोटरों को नकदी या कोई अन्य उपहार न दिया जा सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.