CG Election 2018 : MP की तर्ज पर टीएस बाबा बन सकते हैं CM, ये है कारण
टीएस का नाम सामने आने की वजह है-ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की विनम्र छवि बरकरार रहे।
रायपुर। राजस्थान और मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्रियों के नामों की घोषणा भले ही नहीं की गई है लेकिन चर्चा है कि दोनों राज्यों में नाम तय हो चुके हैं। इस बीच छत्तीसगढ़ में भी कयास लगाए जाने लगे हैं कि क्या राजस्थान और मध्यप्रदेश की तर्ज पर यहां भी कांग्रेस उम्रदराज नेता टीएस सिंहदेव को कमान सौंप सकती है।
दरअसल कांग्रेस मुख्यमंत्रियों का चयन 2019 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर कर रही है। टीएस का नाम सामने आने की वजह है-ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की विनम्र छवि बरकरार रहे। राहुल गांधी भाजपा की आक्रामकता को विनम्रता से काटना चाहते हैं।
अंदरखाने चर्चा है कि उप मुख्यमंत्री का पद भूपेश को दिया जा सकता है, ताकि सरकार का तेवर भी दिखता रहे और बैलेंस बना रहे। चुनाव की दृष्टि से पिछड़े वर्ग और साहू वोटरों को साधने के लिए ताम्रध्वज साहू को प्रदेश अध्यक्ष के महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
राजस्थान और मध्यप्रदेश को लेकर गुरुवार को दिल्ली में दिनभर मंथन हुआ। दोनों राज्यों में मुख्यमंत्री पद को लेकर जमकर हंगामा हुआ। दोनों राज्यों में फैसला पहले लिया गया ताकि वहां हो रही किरकिरी का असर यहां न हो। छत्तीसगढ़ में उतना विवाद नहीं है इसलिए फैसला शुक्रवार पर टाल दिया गया है।
इसलिए हो सकता है टीएस पर फैसला
सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में कमलनाथ और राजस्थान में अशोक गहलोत का नाम मुख्यमंत्री के लिए तय कर लिया है। अब इसका औपचारिक एलान होना ही बाकी है। दोनों राज्यों में यह फैसला नेताओं की गंभीर छवि और उनके अनुभव के आधार पर लिया गया है।
यहां भी पार्टी की सोच यही है कि उम्रदराज टीएस सिंहदेव को कमान सौंपने से नेतृत्व की सौम्य छवि बनेगी और इससे लोकसभा में फायदा मिल सकता है। हालांकि अभी सिर्फ कयास ही लग रहे हैं। राहुल गांधी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद के चारों दावेदारों सिंहदेव, भूपेश, चरणदास महंत और ताम्रध्वज साहू को बुलाया है। उनसे आमने-सामने की चर्चा के बाद ही पार्टी अधिकृत घोषणा करेगी ताकि कोई विवाद की स्थिति न बने।