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CG Election 2018 : सबसे पहले मनेंद्रगढ़, सबसे आखिरी में आएगा कवर्धा का परिणाम

CG Election 2018 : राजधानी में सबसे पहले रायपुर उत्तर और सबसे आखिरी में रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का परिणाम आने का अनुमान लगाया जा रहा है।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 11:06 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 11:06 PM (IST)
CG Election 2018 : सबसे पहले मनेंद्रगढ़, सबसे आखिरी में आएगा कवर्धा का परिणाम
CG Election 2018 : सबसे पहले मनेंद्रगढ़, सबसे आखिरी में आएगा कवर्धा का परिणाम

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनाने का जनादेश मंगलवार को आएगा। प्रदेश में भाजपा की चौथी पारी शुरू होगी या कांग्रेस का 15 साल का वनवास कटेगा, ईवीएम से निकले जनता के जनादेश से तय हो जाएगा। प्रदेश की सभी 90 विधानसभा सीट के लिए मतों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू होगी।

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पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाएगी, इसके बाद ईवीएम से मतों की गणना शुरू होगी। निर्वाचन आयोग के अनुमान के अनुसार, सबसे पहले मनेंद्रगढ़ और सबसे आखिरी में कवर्धा का परिणाम आ सकता है। वहीं, राजधानी में सबसे पहले रायपुर उत्तर और सबसे आखिरी में रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का परिणाम आने का अनुमान लगाया जा रहा है।

प्रदेश की 90 विधानसभा सीट पर 1269 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला एक करोड़, 85 लाख 80 हजार 610 मतदाता करेंगे। इसमें 93 लाख 10 हजार 772 पुस्र्ष और 92 लाख 68 हजार 874 महिला मतदाता है। प्रदेश में पहली बार 964 थर्ड जेंडर मतदाताओं की भी अलग श्रेणी बनाई गई थी।

छत्तीसगढ़ में दो चरणों में हुए मतदान में नक्सल प्रभावित 18 विधानसभा सीटों पर 12 नवंबर और 72 विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को मतदान हुआ है। निर्वाचन आयोग के अंतिम आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश की 90 विधानसभा क्षेत्र में 77.35 फीसदी मतदान हुआ है। पहले चरण की हाईप्रोफाइल सीट में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की राजनांदगांव, नारायणपुर से केदार कश्यप, बीजापुर से महेश गागड़ा, कोंटा से कवासी लखमा और दंतेवाड़ा से देवती कर्मा मैदान में हैं।

वहीं, दूसरे चरण में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल पाटन, नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव अंबिकापुर, ताम्रध्वज साहू दुर्ग ग्रामीण और चरणदास महंत सक्ती विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरे चरण में सरकार के नौ मंत्रियों की किस्मत का फैसला भी ईवीएम में बंद हुआ है।

बढ़े मतदान ने बढ़ाई दलों की चिंता

छत्तीसगढ़ में वर्ष 2013 की तुलना में इस बार बढ़े हुए मतदान प्रतिशत ने राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ाई है। प्रदेश में 77.35 फीसदी मतदान हुआ है, जबकि वर्ष 2013 में 74.7 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया था। बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पहली बार बड़ी संख्या में मतदान हुआ है। घोर नक्सल प्रभावित इलाकों के कई बूथों पर जहां पिछले चुनाव में शून्य से दस वोट पड़े थे, वहां 200 से 300 मतदाताओं ने वोट करके लोकतंत्र को मजबूत किया है। आदिवासी इलाकों में बढ़े वोट किसके पक्ष में गए, इसका फैसला भी परिणाम के साथ आ जाएगा।

ईवीएम की सुरक्षा को लेकर मचा रहा बवाल

प्रदेश में ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका को लेकर कांग्रेस शुरू से ही बवाल मचा रही है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने स्ट्रांग रूम के बाहर 20 नवंबर के बाद से ही डेरा डाल रखा है। कई विधानसभा क्षेत्र में स्ट्रांग रूम में लैपटाप लेकर जाने पर विवाद की भी स्थिति पैदा हुई है। कई प्रत्याशी स्ट्रांग रूम के बाहर टेंट लगाकर शिफ्ट में ड्यूटी करते भी नजर आए।

इन नेताओं की किस्मत का फैसला

डॉ रमन सिंह, भूपेश बघेल, अजीत जोगी, धरमलाल कौशिक, टीएस सिंहदेव, डॉ चरणदास महंत, बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, प्रेमप्रकाश पांडेय, अजय चंद्राकर, महेश गागड़ा, केदार कश्यप की किस्मत का फैसला होगा।

हाईप्रोफाइल सीट

विधानसभा चुनाव में सबसे हाईप्रोफाइल सीट खरसिया रहीं। यहां कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने उमेश पटेल और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ओपी चौधरी के लिए वोट मांगा। इसके साथ ही राजनांदगांव, अंबिकापुर, भिलाई नगर, रायपुर पश्चिम, बिलासपुर, पाली तानाखार, कुस्र्द, अकलतरा, चंद्रपुर, पाटन, मरवाही, सक्ती, कोंटा, दुर्ग ग्रामीण, नारायणपुर, बीजापुर हाईप्रोफाइल सीट है।


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