ब्लर्ब :
हर काली रात के बाद उजाला आता है। बस जरूरत है उसका इंतजार किया जाए न कि धैर्य खोकर गलत कदम उठा लिया जाए।
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जीवन संघर्ष का नाम है। इसलिए चुनौतियों या परेशानियों से हार न मानें बल्कि उनका सामना करना हर व्यक्ति का ध्येय होना चाहिए। हार की निराशा या तनाव को खुद पर इतना हावी न होने दें कि जिंदगी ही दाव पर लग जाए चाहे अपनी या अपनों की। दुनिया उन्हीं को याद करती है, जो जिंदगी की मुश्किलों का साहस से सामना करना जानते हैं। उन्हें कभी याद नहीं किया जाता, जो निराशा के भंवर में फंसकर पलायन को प्राथमिकता देना पसंद करते हैं। वैसे भी पलायन सफलता का पर्याय नहीं बन सकता। सफलता तभी मिलती है, जब पीछे न हटने का जज्बा और मंजिल पाने का जुनून मनुष्य के साथ हो। जीवन भगवान की दी अनमोल नेमत है, जिसकी कदर हर इन्सान को करनी चाहिए। हिमाचल में भी आत्महत्या के बढ़ते मामले पहाड़ की संस्कृति से मेल नहीं खाते। मानसिक तनाव लोगों पर इस कदर हावी होता जा रहा है कि वे इससे मुक्ति पाने के लिए मौत को गले लगाने से भी नहीं चूक रहे। नाराजगी, घरेलू कलह, सहनशक्ति का अभाव या भावनाओं में बहकर खुदकुशी के मामले सामने आ रहे हैं। चंबा के खजियार में एक व्यक्ति ने अपना गला रेत लिया, जबकि चंबा जिले के ही तीसा में एक शिक्षक ने खुद को गोली मार कर जीवन समाप्त कर लिया। इसके अलावा कुल्लू के एसएसबी प्रशिक्षण केंद्र में एक जवान ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली, कुल्लू के ही बजौरा में एक व्यक्ति ने जहर निगलकर आत्महत्या कर ली। इसके अलावा बैजनाथ में दंपती ने जहर निगल लिया, जिसमें महिला की मौत हो गई। प्रदेश में एक ही दिन में आत्महत्या से जुड़े इतने मामले समाज को झकझोरने वाले हैं। समझना होगा कि परेशानी व दिक्कतों का ही नाम जिंदगी है। आत्महत्या आसान नहीं होती लेकिन इसे सही करार नहीं दिया जा सकता। परिवेश को कभी भी ऐसा माहौल नहीं बनने देने चाहिए जिससे कोई हंसता-खेलता जीवन तनाव की भेंट चढ़ जाए। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा, जिसमें आत्मविश्वास बढ़े, उत्साह में वृद्धि हो व सहनशीलता आदि गुणों की वृद्धि हो। सबसे जरूरी है कि चुनौतियों का हंसकर सामना करने की प्रवृत्ति विकसित हो। जीना एक कला है और हर एक व्यक्ति को इसे सीखना भी होगा। यह कला आसानी से नहीं आती। हर असफलता किसी सफलता के लिए हार बनाती है बशर्ते उससे सबक सीखा जाए। चुनौती कोई भी हो, जीवन के पक्ष में ही जाए तभी बेहतर होगा।

[ स्थानीय संपादकीय : हिमाचल प्रदेश ]