दिल्ली सरकार द्वारा निजी अस्पतालों में अपने खर्चे से मरीजों का आपरेशन कराने की योजना का स्वागत किया जाना चाहिए। हालांकि सरकार ने यह साफ किया है कि यह सुविधा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगी जिनके आपरेशन के लिए सरकारी अस्पतालों में 30 दिन से अधिक की इंतजार अवधि होगी। इससे साफ है कि सरकार हर हाल में अपने निवासियों को बेहतर सुविधा मुहैया कराना चाहती है। अच्छी बात यह है कि इसके लिए केंद्रीय एजेंसियों से मान्यता प्राप्त 41 अस्पतालों को चिह्नित किया गया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार इस योजना को जल्द ही मूर्त रूप देगी। इससे पहले सरकार सभी तरह की रेडियोलाजी जांच मुफ्त कराने की बात कह चुकी है। लेकिन इन सबके लिए उसे सरकार ने 25 अस्पतालों और 5 सोसायटी अस्पतालों से मरीजों को रेफर कराने की अनिवार्यता रखी है। साफ है कि सरकार यह नहीं चाहती कि कोई भी व्यक्ति जरूरत नहीं होने पर भी जांच कराने पहुंच जाए। इससे यह भी पता चलता है कि सरकार का मकसद जरूरतमंदों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना है।

दरअसल, सरकार मानती है कि गरीबों को इलाज कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह सच भी है क्योंकि सरकारी अस्पतालों में तो मुफ्त इलाज हो जाता है लेकिन निजी अस्पताल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों का इलाज करने में आनाकानी करते रहते हैैं। इसकी शिकायतें हमेशा ही सुनने को मिलती रहती हैैं। इस पर अदालतों में भी सुनवाई हो चुकी है और आदेश भी पारित हो चुके हैैं, लेकिन कई अस्पताल अब भी अनदेखी करते हैैं। ऐसे में सवाल यह है कि सरकारी अस्पतालों से रेफर होकर पहुंचने वाले मरीजों का इलाज निजी अस्पताल सही ढंग से करेंगे या नहीं, इसे कैसे सुनिश्चित किया जाए। सरकार को चाहिए इसके लिए वह निगरानी तंत्र विकसित करें क्योंकि निजी अस्पतालों की लापरवाही किसी से छिपी नहीं है। साथ ही समय-समय पर इन अस्पतालों की जांच अधिकारियों को भी करनी होगी। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सरकारी अस्पातल के डाक्टर जरूरतमंद लोगों को ही निजी अस्पतालों के लिए रेफर करें। कहीं ऐसा न हो कि पैसे वालों से साठगांठ कर ये सिर्फ उन्हीं को रेफर करने में न लग जाएं। यह भी देखना होगा कि निजी अस्पताल आमदनी की आड़ में कहीं सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों से ही साठगांठ न कर लें। साथ ही सरकार को अपने अस्पतालों में भी सुविधा और उन्नत करने की जरूरत है ताकि उसके ऊपर आने वाले खर्च का बोझ कम हो सके। अगर सरकार इन सभी पहलुओं पर काम करने में सफल रहती है तो इस व्यवस्था का लाभ आम लोगों को मिलना तय है।

[ स्थानीय संपादकीय : दिल्ली ]