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ब्लर्ब में
आपदा के समय पूर्व आपदा प्रबंधन की बातें बेमानी लगती हैं, लेकिन गंभीरता से विचार किया जाए तो थोड़े से प्रयास से बड़ी मुसीबत से बच सकते हैं
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पिछले कुछ समय से मौसम पहाड़ी प्रदेश हिमाचल व यहां के लोगों की परीक्षा ले रहा है। मौसम चाहे सर्दी का हो, गर्मी का या बरसात का, लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी हो रही हैं और उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस साल गर्मी के मौसम में बारिश, तूफान व ओलावृष्टि से फसलों व घरों को नुकसान पहुंचने से प्रदेश की आर्थिकी प्रभावित होने लगी है। शिमला जिले के रोहल गांव व चंबा जिले की चोली पंचायत में बादल फटने से लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा। सेब, गुठलीदार फलों व परंपरागत फसलें इससे तबाह हो गई। रोहल में पांच गांवों को जोडऩे वाली सड़क बहने से लोगों को आवाजाही में दिक्कत झेलनी पड़ रही है। सोलन जिले के बद्दी में तूफान के कारण दीवार झुग्गियों पर गिरने से आठ लोगों को असमय मौत के मुंह में जाना पड़ा। मरने वालों में चार मासूम बच्चे भी शामिल हैं। मंडी व कुल्लू जिलों में ओलावृष्टि व तूफान के कारण नकदी फसलें व सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है। मौसम में बदलाव का उदाहरण है कि ऊना, हमीरपुर जैसे कई क्षेत्रों में लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है तो कई इलाकों में खूब बारिश हो रही है। हिमाचल प्रदेश की ग्र्रामीण आबादी कृषि और बागवानी पर ही निर्भर है। ऐसे में फसलों का नुकसान सीधे उनके हितों को नुकसान पहुंचा रहा है। इससे पहले सर्दी के मौसम में भी बर्फबारी के कारण शिमला, कुल्लू, मंडी व चंबा जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ था। कई दिन तक लोगों को बिना बिजली और पानी के घरों में कैद रहना पड़ा था। आपदा के समय पूर्व आपदा प्रबंधन की बातें बेमानी तो लगती हैं, लेकिन गंभीरता से विचार किया जाए तो थोड़े से प्रयास से लोग बड़ी मुसीबत से बच सकते हैं। इसके लिए सरकारी स्तर पर जागरूकता शिविरों का आयोजन कर लोगों को आपदा से निपटने के लिए पूर्व आपदा प्रबंधन की जानकारी दी जानी चाहिए। लोग भी शिविरों में हिस्सा लें व समझें कि आपदा में फंसने पर खुद के साथ दूसरों को सुरक्षित कैसे रख सकते हैं। इसमें सबसे अहम कड़ी लोग हैं, जिनका जागरूक होना जरूरी है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान की अनदेखी न करें, बल्कि ऐसे उपाय करें कि आपदा की स्थिति में नुकसान कम से कम हो। यदि पूर्व आपदा प्रबंधन पुख्ता होगा तभी नुकसान कम से कम रहेगा।

[ स्थानीय संपादकीय : हिमाचल प्रदेश ]