व्यवस्था को सुचारू व पारदर्शी बनाने के लिए ही नियम बनाए जाते हैं। जब नियमों का उल्लंघन या इनके खिलाफ कोई काम किया जाता है तो उसका किसी न किसी रूप में नुकसान उठाना पड़ता है। लूटने वाले कई हैं लेकिन यह समाज को भी चाहिए कि वह जागरूक रहे। मंजिल पाने के लिए छोटा रास्ता सुखद तो लगता है लेकिन इससे लाभ कम व नुकसान अधिक होता है। छोटे रास्ते की लालसा में कई बार लोग अपना सब कुछ लुटा बैठते हैं। इस रास्ते के जरिये मंजिल पाकर लोग सुकून से नहीं रह पाते हैं। शांत व शालीन हिमाचल के लोगों की पहचान मेहनतकश लोगों के रूप में रही है। अब आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो अन्यथा कहानी कह रहे हैं। क्या वजह है इस अपसंस्कृति की। क्या कारण है कि यहां के लोग अपनी मेहनत व प्रतिभा को छोड़कर छोटा रास्ता अपनाकर हर तरह की सुख-सुविधा पाना चाह रहे हैं। इसी लालसा के कारण प्रदेश में अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है। हद तो यह है कि इस लूट का शिकार आम आदमी नहीं समाज का पढ़ा-लिखा तबका भी आ रहा है। बिना सोचे-समझे किसी को अपनी जमा पूंजी सौंप देना नासमझी नहीं तो और क्या है? हालत उस समय और भी गंभीर हो जाती है जब अपनों को ही लूटा जाता है। कभी नौकरी का झांसा देकर अपनों ने ही लूट लिया तो कहीं फौज में भर्ती करवाए जाने के नाम पर भी लोग लुटते रहे हैं। साइबर ठगी तो अब आम हो गई है। हैरत इस बात की है कि अन्यथा अपने अधिकारों के लिए जागरूक होने का दावा करने वाले लोग अपना एटीएम पिन तक बता देते हैं। आलम यह भी है कि विदेश में नौकरी के नाम पर युवा अब भी ठगी का शिकार हो रहे हैं। ताजा मामला कांगड़ा जिले के शाहपुर में सामने आया है। यहां आठ युवकों से विदेश भेजने के नाम पर तीन लोगों ने लाखों रुपये की ठगी की है। मंडी में भी इसी तरह तुर्की भेजने के नाम पर 50 लाख से अधिक ठगी का मामला सामने आया है। ठगी के कई मामले सामने आने के बावजूद लोगों में विदेश जाने की लालसा अभी कम नहीं हो रही है। इतनी राशि खर्च करने के बाद विदेश में धन कमाने से बेहतर है कि यही राशि यहां पर स्वरोजगार के लिए लगाई जाए। लोगों को समझना होगा कि सफलता के लिए कोई शार्टकट नहीं होता है। युवाओं को यह बात समझनी चाहिए कि कड़ी मेहनत करने से ही मंजिल हासिल होती है। आज के दौर में हर व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिलना संभव नहीं है। इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि स्वरोजगार अपनाया जाए। प्रदेश सरकार ने कई ऐसी योजनाएं चलाई हैं जिनसे युवा स्वरोजगार हासिल कर सकते हैं। इसलिए ऐसी योजनाओं का लाभ उठाकर सम्मान के साथ जीना चाहिए।

[ स्थानीय संपादकीय : हिमाचल प्रदेश ]