वैश्विक निवेशक सम्मेलन झारखंड के लिए मील का पत्थर साबित होगा। आयोजन की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि प्रयास सही दिशा में हो रहा है और इसका फलाफल भी निकलेगा। अबतक 209 कंपनियों संग निवेश प्रस्ताव का मसौदा तैयार हो चुका है। शुक्रवार को इसपर मुहर लगेगा। अनुमान के मुताबिक 3.50 लाख करोड़ से ज्यादा का एमओयू होगा। सबसे ज्यादा जोर आधारभूत संरचना निर्माण और कृषि क्षेत्र पर है। यह आवश्यक भी है। झारखंड में हाल के दिनों में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में तेजी से काम हुआ है।

जहां सड़कों की लंबाई आश्चर्यजनक तरीके से बढ़ी है वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग का काम भी तेज हुआ है। अगले ढ़ाई साल में सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्ग और ओवरब्रिज पर 55000 करोड़ निवेश का अनुमान है। केंद्र सरकार के सहयोग से झारखंड जल परिवहन के क्षेत्र में भी डग भरेगा। झारखंड की सीमा में गंगा नदी का प्रवाह लगभग 37 किलोमीटर है। साहिबगंज में इसका उपयोग टर्मिनल के तौर पर होगा और गंगा नदी के जरिए परिवहन के साथ-साथ माल की भी ढुलाई होगी। झारखंड में निवेश के प्रयास धरातल पर जल्द ही नजर आएंगे। अगले माह से योजनाओं का शिलान्यास आरंभ हो जाएगा। क्षेत्रवार ब्योरा बनाकर अफसरों को समयबद्ध तरीके से काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

इस मामले में ब्यूरोक्रेसी की तत्परता भी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कार्यसंस्कृति बदलने पर सबसे ज्यादा जोर दिया है और इसका असर भी दिख रहा है। नाकाम, अक्षम और लापरवाह अधिकारियों से सरकार पल्ला झाड़ रही है। उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए तैयार किया जा रहा है। इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। चरणबद्ध तरीके से इस योजना पर काम कर वैसे अफसरों को किनारे किया जाएगा तो सिर्फ दफ्तर में बैठकर कुर्सी तोड़ते हैं। ऐसे अफसरों के कारण राज्य के विकास में बाधा उत्पन्न होती है।

सरकार का प्रयास अच्छे और परिणाम देने वाले अफसरों को प्रोत्साहित करने का है। मोमेंटम झारखंड के दौरान भी मुख्यमंत्री रघुवर दास ने परिणाम देने वाले अच्छे अफसरों की टीम बनाई। इसका नतीजा यह हुआ कि देश और बाहर के मुल्कों में भी झारखंड की छवि बेहतर हुई। अब जरूरत इस गति को बरकरार रखने की है। बेहतर रफ्तार बनाकर रखने से योजनाएं समयबद्ध परवान पर चढ़ेंगी। आवश्यकता इस बात की है कि सरकार योजनाओं को धरातल पर उतारे और जनता के हितों का भी ख्याल रखे। कवायद इस स्तर पर हो कि अगले वर्ष होने वाले प्रवासी झारखंडी सम्मेलन में दोगुने उत्साह के साथ लोग भाग लें।

(स्थानीय संपादकीय झारखंड)