अनोखी राजनीतिक पहल
पश्चिम बंगाल में भाजपा विरोधी नए गठबंधन की सुगबुगाहट तेज हो रही है। मुख्यमंत्री भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने का आव्हान कर चुकी है।
पश्चिम बंगाल में भाजपा विरोधी नए गठबंधन की सुगबुगाहट तेज हो रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने का आव्हान कर चुकी है। इसी कड़ी में माकपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री गौतम देव ने भाजपा को रोकने के लिए ममता बनर्जी से हाथ मिलाने की इच्छा जता कर राज्य की राजनीति में गरमाहट पैदा कर दी है। ममता की पहचान कम्युनिस्ट विरोधी नेता के रूप में है। जीवन भर माकपा के विरुद्ध लड़ाई कर ममता सत्तासीन हुई हैं। यह बात सच है कि ममता ने भाजपा के विरुद्ध सभी क्षेत्रीय व सेकुलर दलों को एकजुट होने की अपील की है लेकिन उन्होंने इसमें वामपंथी दलों का नाम नहीं लिया है। अब माकपा के नेता खुद भाजपा विरोध के नाम पर तृणमूल कांग्रेस के साथ राजनीतिक तालमेल करने के लिए आगे बढ़ते हैं तो राज्य में नया राजनीतिक समीकरण बनेगा और राज्य की राजनीति में अनोखा प्रयोग के तौर पर देखा जाएगा। जहां तक सवाल है गौतम देव की ममता से हाथ मिलाने की पहल करने की तो यह औपचारिक रीति के तहत नहीं हुई है। बात-बात पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तीखी आलोचना करनेवाले गौतम देव ने राज्य में भाजपा के बढ़ते जनाधार को रोकने के लिए तृणमूल कांग्रेस से हाथ मिलाने की इच्छा मीडिया के मार्फत जताई है। अचानक ममता के प्रति उनके रुख में बदलाव को लेकर राजनीतिक अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। देव ने कहा है कि भाजपा को रोकने के लिए यदि ममता सभी सेकुलर दलों को एकजुट करने का प्रयास करती है तो उनके साथ बातचीत कर किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है। आगामी आम चुनाव में भाजपा को यहां एक भी सीट नहीं मिले इसके लिए सामूहिक प्रयास करना होगा। ममता गौैतम देव को कितना महत्व देती है यह तो समय बताएगा लेकिन लेकिन उनकी इस तरह की बात कहने से राज्य में नये राजनीतिक समीकरण की सुगबुगाहट तेज हो गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में सबसे पहले गौतम देव ने ही कांग्रेस के साथ गठबंधन कर तृणमूल के विरुद्ध लडऩे की पहल की थी। माकपा केंद्रीय नेतृत्व कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के पक्ष में नहीं था लेकिन राज्य नेतृत्व के दबाव में अंतत: केंद्रीय नेतृत्व ने हरी झंडी दिखा दी। वैसे भी राजनीति में अंतिम और असंभव बोल कर कुछ नहीं होता।
(यह बात सच है कि ममता ने भाजपा के विरुद्ध सभी क्षेत्रीय व सेकुलर दलों को एकजुट होने की अपील की है लेकिन उन्होंने इसमें वामपंथी दलों का नाम नहीं लिया है)
[ स्थानीय संपादकीय : पश्चिम बंगाल ]