भ्रष्टाचार व गुंडागर्दी खत्म करने के वादों के साथ सत्ता में लौटे कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रयासों व उनकी सरकार के लिए सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं व समर्थकों का आचरण उचित नहीं है।

पंजाब में कांग्रेस को सत्ता में आए करीब एक माह ही हुआ है, लेकिन इतने अल्प समय में ही कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जो न सिर्फ आम जनता के लिए अपितु स्वयं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए भी चिंता का विषय है। ऐसा प्रतीत होता है कि सत्ताधारी दल के नेता व मंत्री अपनी जिम्मेदारी और मर्यादा भूल बैठे हैं, साथ ही यह भी कि जनता ने उन्हें इसलिए चुना है ताकि वे प्रदेश की जनता की सेवा कर सकें, उनकी समस्याओं को सुलझा सकें, गुंडागर्दी पर लगाम लगा सकें। विगत दिनों पटियाला में कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत और गत दिवस खडूर साहिब के कांग्रेस विधायक रमनजीत सिंह सिक्की के वायरल हुए वीडियो में दोनों ही नेता विपरीत आचरण करते हुए दिखाई, सुनाई दे रहे हैं। यही नहीं गत दिवस ही बठिंडा में कांग्रेस समर्थकों द्वारा एक पत्रकार को बुरी तरह पीटने और उसके साथ अमानवीय व्यवहार करने की घटना भी सामने आई है। भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी खत्म करने के वादों के साथ दस साल बाद सत्ता में लौटे कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रयासों और उनकी सरकार दोनों के लिए ही यह उचित नहीं है। एक तरफ मुख्यमंत्री ऐसे प्रयास करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिससे प्रदेश में वीआइपी संस्कृति को खत्म किया जा सके, आम जनता को सुविधाएं मिल सकें, फिजूलखर्ची को रोका जा सके, अपराध और नशे पर लगाई लगाई जा सके, वहीं उनके दल के कुछ नेताओं व समर्थकों का प्रतिकूल आचरण तमाम प्रयासों को पलीता लगाने वाला है। मुख्यमंत्री यह भी घोषणा कर चुके हैं कि उनकी सरकार बदला लेने की भावना से काम नहीं करेगी, लेकिन गत दिवस वायरल हुए वीडियो में सिक्की जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग करते दिखाई दे रहे हैं, वह मुख्यमंत्री की घोषणा के कतई विपरीत है। यही नहीं इस प्रकार का आचरण प्रदेश की जनता के विश्वास को भी ठेस पहुंचाने वाला है, जिसने पूर्ण बहुमत से इस सरकार को प्रदेश की सत्ता सौंपी है। मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह अपने मंत्रियों व विधायकों के लिए लक्ष्मण रेखा खींचें और उनका अक्षरश: पालन सुनिश्चित करवाएं। साथ ही सत्ताधारी दल के विधायकों, नेताओं व समर्थकों को स्वयं यह समझना होगा कि सत्ता के साथ ही प्रदेश की जनता ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी भी सौंपी है, जिसे पूरी विनम्रता के साथ पूरा करना उनका कर्तव्य है।

[ स्थानीय संपादकीय : पंजाब ]