मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस की सांगठनिक क्षमता बढ़ाने का चाहे जितना भी प्रयास करें लेकिन पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं है। तृणमूल कांग्रेस सांसद शिशिर अधिकारी ने पार्टी के अधिकांश मंत्री-नेताओं के वसूली में लिप्त होने की बात कहकर तृणमूल नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अधिकारी ने ऐसे मौके पर यह बयान दिया है जब सुश्री बनर्जी ने पार्टी की सांगठनिक स्थिति मजबूत करने के लिए दो-दो बार बैठकें कीं और सांगठनिक स्तर पर व्यापक फेरबदल किया। अधिकारी ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि तृणमूल कांग्रेस के अनेक नेता व मंत्री वसूली में लिप्त हैं। पंचायत व निचले स्तर के नेता ही नहीं बल्कि सांसद, विधायक और यहां तक कि मंत्री भी कुछ काम करने के लिए रुपये लेने से नहीं चूकते हैं। शीर्ष स्तर के नेता भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने अधिकारी को इस तरह बयान देने पर सतर्क किया है। चटर्जी ने अधिकारी को मीडिया के समक्ष इस तरह का कोई बयान नहीं देने की सख्त हिदायत दी है। साथ ही कहा है कि यदि कोई शिकायत है तो वे पार्टी को लिखित तौर पर बताएं। पार्थ के इस तरह अधिकारी को सतर्क करने से साबित होता है कि तृणमूल में सबकुछ ठीक नहीं है। मुकुल राय से सांगठनिक जिम्मेदारी ले लिए जाने के बाद पार्टी में गुटबाजी तेज हो गई है। तृणमूल की आपसी गुटबाजी के कारण दक्षिण 24 परगना जिले में हुई हिंसा में दो लोग मारे गए और इस कारण पूर्व विधायक अराबुल इस्लाम को पार्टी से निकाल दिया गया।

यह अभी शुरूआत है। जैसे-जैसे पार्टी पर ममता के भतीजे व सांसद अभिषेक बनर्जी की पकड़ मजबूत होगी, वैसे-वैसे आपसी मतभेद बढ़ेंगे। अभिषेक के आगे करने से पहले सांसद पिता-पुत्र शिशिर अधिकारी और शुभेंदु अधिकारी नाराज थे। अब मुकुल राय गुट से अभिषेक की दूरियां बढ़ेंगी।

सारधा कांड और बद्र्धमान बम विस्फोट के कारण ममता बनर्जी सरकार की साख पर बïट्टा लग गया है। मुख्यमंत्री घिरती जा रही हैं। भले ही ममता ने आतंकवाद पर केंद्र के साथ पूर्ण सहयोग करने का भरोसा दिया है लेकिन जिस तरह भाजपा के केंद्रीय प्रतिनिधिदल के सदस्यों को हिंसाग्रस्त माकड़ा गांव में जाने से रोका गया और उन्हें गिरफ्तार किया गया, उससे नहीं लगता है कि केंद्र के साथ मुख्यमंत्री सहयोगपूर्ण रवैया अपनाएंगी। सांगठनिक व प्रशासनिक स्तर पर भी ममता घिरती जा रही हैं।

अधिकारी ने तृणमूल नेताओं के भ्रष्ट होने का जो आरोप लगाया है, उससे विपक्षी दलों के एक और मुद्दा हाथ लग गया है। पहले विपक्षी दल ही इस तरह के आरोप लगाते थे लेकिन अब तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने जब अपने ही पार्टी नेताओं के भ्रष्ट होने की बात कही है तो पार्टी व सरकार के लिए यह शुभ संकेत नहीं है।

(स्थानीय संपादकीयः पश्चिम बंगाल)