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ब्लर्ब में
पैसे के मोह में पर्यटकों के हितों से खिलवाड़ की घटनाएं कुछ समय से देखने को मिल रहीं हैं। इससे निश्चित तौर पर प्रदेश की छवि धूमिल हो रही है
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देवभूमि हिमाचल के लोग अतिथि देवो भव: का अर्थ व मर्म भी गहराई से समझते हैं। प्रदेश की परंपरा रही है कि मेहमान को देवता का रूप मानकर सामर्थ्य के अनुसार उसका सत्कार करना। मेहमान से अच्छा व्यवहार, उनकी जरूरतें पूरी करना व उनके मान-सम्मान का ध्यान रखना सर्वोपरि प्राथमिकता रहती है। पहाड़ी राज्य को प्रकृति ने अनमोल नेमतें दी हैं, जिससे देश-विदेश के लाखों लोग यहां खिंचे चले आते हैं। लेकिन कई बार ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जो पहाड़ की संस्कृति से मेल नहीं खाती। पैसे के मोह में बाहर से आने वाले लोगों से खिलवाड़ की घटनाएं पिछले कुछ समय से देखने को मिल रही हैं, जिससे प्रदेश की छवि तो धूमिल हो रही है और यहां के पर्यटन क्षेत्र के प्रति भी अच्छा संदेश नहीं जाता। कहीं टैक्सी के मनमाने दाम वसूल किए जाते हैं तो कहीं होटलों में उनके साथ मनमानी की जाती है। होटलों के कमरों से सामान गायब होना या विदेशी महिला पर्यटकों के साथ छेड़छाड़ से अच्छा संदेश नहीं देता। दुकानों में पर्यटकों से सामान की खरीद पर मनमाने दाम वसूल किए जाते हैं। यह नहीं भूलना चाहिए कि बाहर से आने वाले लोग पहाड़ में रहते हुए व यहां से लौटते समय यहां की यादें साथ ले जाना चाहते हैं, लेकिन ऐसी लूट उन्हें दोबारा आने से रोक सकती है। ऐसे मामलों के पीछे कारण चाहे जो भी रहे हों, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए था। सभी पक्षों के अपने-अपने तर्क हो सकते हैं, लेकिन प्रदेश की छवि को धूमिल नहीं करने से बचना होगा। होटल संचालकों का दायित्व बनता है कि सरकार द्वारा तय नियमों का पालन करें व पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाएं। सबको पता है कि हिमाचल की अर्थव्यवस्था में पर्यटन व्यवसाय का कितना महत्व है। यदि हम उनसे अच्छा व्यवहार व अधिक सुविधाएं देने का प्रयास करें तो इस व्यवसाय को पंख लग सकते हैं। इससे पर्यटन गतिविधियों में लिप्त लोगों की आय बढ़ेगी और सरकारी खजाने में भी राजस्व जाएगा। कोई घटना सबक नहीं बन पाए तो उसका नुकसान पूरे परिवेश को होता है। लोगों व सरकार का दायित्व है कि व्यवस्थागत खामियों को दूर करने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएं। प्रदेश को बेहतर पर्यटन स्थल बनाने के लिए साझा प्रयास होंगे तो परिणाम बेहतर ही होंगे। प्रदेश की अर्थव्यवस्था से जुड़े पर्यटन क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए सरकारी स्तर पर भी गंभीरता से प्रयास करने होंगे।

[ स्थानीय संपादकीय : हिमाचल प्रदेश ]