विकास के लिए अच्छी सड़कें पहली शर्त होती है। यह अच्छी बात है कि हरियाणा की सड़कें अन्य प्रदेशों की अपेक्षा बेहतर स्थिति में हैं। प्रदेश के नेशनल और स्टेट हाइवे अच्छी हालत में हैं। अच्छी सड़कों से समय और ईंधन दोनों की बचत होती है। जिस प्रदेश में जितना अधिक सड़कों का जाल होता है, वह उतना ही समृद्ध होता है। हरियाणा की समृद्धि में अच्छी सड़कों का अच्छा योगदान है। मौजूदा सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत अच्छा काम किया है।

योजना के पहले और दूसरे चरण में ग्रामीण इलाकों में बेहतरीन सड़कें बनाई गई हैं। सरकार के आंकड़ों के अनुसार 5490 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनाई और दुरुस्त की हैं। प्रदेश सरकार ने एक और अच्छा फैसला यह लिया है कि तीन गांवों को जोड़ने वाले संपर्क मार्गो की चौड़ाई 12 फीट से बढ़ाकर 18 फीट की जाएगी। वह इस वर्ष 1600 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। हालांकि सड़क निर्माण के क्षेत्र में प्रदेश की हर सरकार ने काम किया है, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसकी गति बढ़ा दी है। पहले जहां प्रतिदिन दो किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गो का निर्माण होता था, वह मौजूदा सरकार के समय में प्रतिदिन 14 किलोमीटर तक पहुंच गया है।

सरकार इस गति तक सड़क निर्माण का कार्य लाने के लिए बधाई की पात्र है, लेकिन उसे यह भी ध्यान रखना चाहिए कि सड़कें अच्छी हालत में होनी चाहिए। यदि नेशनल और स्टेट हाईवे की बात करें तो ज्यादातर की हालत संतोषजनक है, लेकिन इन्हें छोड़ दें तो बाकी सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे नजर आते हैं। ये गड्ढे हादसे का कारण बनते हैं। मानसून आने वाला है। बारिश के दौरान हरियाणा के हर शहर की सड़कें पानी से भर जाती हैं। ऐसी स्थिति में गड्ढे नजर नहीं आते और हादसों में लोग घायल हो जाते हैं।

कुछ दिन पहले प्रदेश सरकार ने सड़कों के गड्ढे भरने के लिए एक वाट्सएप नंबर शुरू करने का वादा किया था। कहा गया था कि उस नंबर पर सडक के गड्ढों की तस्वीरें पोस्ट करने के 72 घंटे के भीतर गड्ढे भर दिए जाएंगे। अभी तक तो वह नंबर शुरू नहीं हो पाया है। हो सकता है कोई दिक्कत हो, लेकिन सरकार को शहर की सड़कों और गांवों के संपर्क मार्गो को गड्ढामुक्त करने का काम प्राथमिकता पर करना चाहिए।

[हरियाणा संपादकीय]