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ब्लर्ब में
रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों का आंकड़ा करीब नौ लाख है। 71 लाख की आबादी में इतनी बड़ी संख्या में बेरोजगार होना स्थिति की गंभीरता दर्शाने को काफी है
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सरकारी क्षेत्र में नौकरी के एक पद के लिए सैकड़ों-हजारों की तादाद में आवेदन आने का अर्थ है कि युवाओं को उनके मनमाफिक काम नहीं मिल रहा। कर्मचारी चयन आयोग द्वारा क्लर्क के 320 पदों को भरने के लिए 57 हजार दावेदार सामने आए। चंद पदों के लिए इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आना प्रदेश के युवाओं की हालत दिखाने के लिए काफी है। हालत यह है कि युवा सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं, चाहे इसके लिए कुछ भी करने के लिए तैयार बैठे हैं। अपनी योग्यता का आकलन किए बगैर उन पदों के लिए आवेदन करना नहीं भूलते, जो उनकी योग्यता के अनुरूप नहीं है। यह कहना गलत नहीं है कि बेरोजगारी देश के साथ-साथ पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में भी बड़ी समस्या बनकर उभरी है, जिसने कई और समस्याएं भी पैदा की हैं। समाज में अपराध के के ऐसे मामले सामने आने लगे हैं, जिनमें बेरोजगार युवाओं की भूमिका रही है। नौकरी न मिलने के तनाव में आत्महत्या के मामले बढ़े हैं व युवा पीढ़ी पथभ्रष्ट होकर नशे के दलदल में डूबने लगी है। मौजूदा समय में प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों का आंकड़ा करीब नौ लाख तक पहुंच चुका है। करीब 71 लाख की आबादी में से इतनी बड़ी संख्या में बेरोजगारों का होना स्थिति की गंभीरता दर्शाने के लिए काफी है। अक्सर देखा गया है कि युवा सरकारी नौकरी का मोह छोडऩा नहीं चाहते। मुश्किल तब आती है जब उच्च शिक्षित युवा यह जानते हुए भी आवेदन करते हैं कि वे उस पद की न्यूनतम योग्यता से कहीं अधिक काबिल हैं। निजी क्षेत्र में रोजगार मिलने या स्वरोजगार अपनाने के बावजूद रोजगार कार्यालयों से नाम इसलिए नहीं कटवाया जाता। निजी क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार काम और वेतन नहीं मिल पा रहा। सरकार ने प्रदेश में स्थापित होने वाले उद्योगों में हिमाचल के 70 फीसद लोगों को रखने की शर्त लगाई है, लेकिन मुख्य पदों पर कंपनियां हिमाचल के लोगों को नियुक्त नहीं करती। केंद्र व प्रदेश की सरकारें समस्या से निपटने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, जिनका लाभ युवा उठा सकते हैं। युवाओं को समझना होगा कि सरकारी नौकरी के पीछे भागकर खाली बैठे रहने से उनकी प्रतिभा का दोहन नहीं होने वाला। जिस क्षेत्र में रुचि है, उसमें कौशल विकसित करें व स्वरोजगार अपनाएं।

[ स्थानीय संपादकीय : हिमाचल प्रदेश ]