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ब्लर्ब में
समझ से परे है कि बाहर से आने वाले लोग यहां पहुंचकर खतरे से बेखबर क्यों हो जाते हैं। पर्यटकों की लापरवाही व नियमों की अनदेखी हादसों को जन्म देती रही है
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प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हिमाचल प्रदेश पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। इसी का नतीजा है कि देश-विदेश से लाखों की संख्या में लोग यहां हर साल आते हैं। यहां का मौसम, खूबसूरत पहाड़ व प्राकृति नजारे लोगों को आकर्षित करते हैं। अंग्र्रेजों ने भी पहाड़ों की राजधानी शिमला को ग्र्रीष्मकालीन राजधानी का दर्जा दिया था क्योंकि वे यहां की खूबसूरती के कायल थे। हर साल लाखों की संख्या में देश-विदेश के पर्यटक हिमाचल प्रदेश की वादियों में सुकून के पलों की तलाश में आते हैैं। कई बार चेतावनी या सरकारी आदेश को धता बताकर पर्यटक पहाड़ों की सैर के लिए निकल जाते हैं और जान जोखिम में डालने से नहीं चूकते। मंडी जिले के बिंद्रावणी में वीरवार को पानीपत के निवासी युवक की सेल्फी लेते समय ब्यास नदी में बह गया। मनाली जा रहे चार युवकों को हमेशा यह गम सालता रहेगा कि उनकी आंखों के सामने उनका साथी ब्यास के तेज प्रवाह में बह गया। यह ऐसा पहला मामला नहीं है, जब पर्यटक किसी हादसे का शिकार हुआ हो। इससे पहले कुल्लू जिले में भी ऐसा कई बार हुआ है। मंडी के लारजी में हैदराबाद के संस्थान के 24 छात्रों व एक शिक्षक को भी सेल्फी के चक्कर में जान से हाथ धोना पड़ा था। समझ से परे है कि बाहर से आने वाले लोग पहाड़ में आकर खतरे से बेखबर क्यों हो जाते हैं। खुद की लापरवाही के कारण कई हादसे जन्म ले चुके हैं। कई ऐसे हादसे हैं, जो नियमों व चेतावनी की अनदेखी के कारण हुए। प्रदेश के राजस्व का बड़ा हिस्सा पर्यटन से ही आता है। हजारों परिवारों रोजी-रोटी पर्यटन से जुड़े कारोबार से चलती है। प्रदेश की सरकारों की प्राथमिकता में भी पर्यटन को प्रमुखता दी जाती है। इन सबके बीच अगर कोई हादसा होता है तो प्रदेश की छवि धूमिल होती है। लोगों को समझना होगा कि नियम व बंदिशें उनके हित के लिए हैं। ऐसे में उनका पालन करना सभी का दायित्व है। ऐसा संभव नहीं है कि सरकार हर नदी या पहाड़ी पर पुलिसकर्मी तैनात रखें। अपने विवेक का प्रयोग करना मेहमानों को करना चाहिए कि क्या उनके हित में है और क्या नहीं। पर्यटक मेहमान हैं और उन्हें ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए, जिसमें करें, जिसमें जोखिम हो। नियमों का पालन करने के लिए हर पक्ष को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा।

[ स्थानीय संपादकीय : हिमाचल प्रदेश ]