जम्मू के सीमावर्ती क्षेत्रों में खौड़ में घटिया सीमेंट बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ होने से यह साबित हो गया है कि कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए लोगों से विश्वासघात कर रहे हैं। विडंबना यह है कि गिरोह के सदस्य ब्रांडेड सीमेंट की खाली बोरियों में कठुआ में निर्मित सीमेंट को भरा कर मुनाफाखोरी किया करते थे। यह कारखाना सीमांत क्षेत्र रामगढ़ में चल रहा था। जहां सीमेंट की भरे जाने के बाद उसे अखनूर के खौड़ इलाके में बेचा जाता था। पुलिस ने खौड़ इलाके सीमेंट विक्रेताओं की दुकानों में छापे मार कर 445 घटिया बोरिया जब्त की है। हर व्यक्ति की यह कोशिश होती है कि वह अपनी जिंदगी में आशियाना तैयार करे। अगर कोई व्यक्ति इन लोगों से खरीदे गए सीमेंट से निर्माण करे तो उसकी जीवन भर की कमाई मिट्टी में मिल जाएगी। पुलिस ने मिलावटी सीमेंट बनाने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है लेकिन इस गोरखधंधे को चला रहा कारखाने का मालिक अभी फरार है। यह पहला मौका नहीं है जब नकली सीमेंट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ हो। इससे पहले बिश्नाह, बड़ी ब्राह्मणा और कालू चक इलाके में भी ऐसे ही कारखानों को पुलिस ध्वस्त कर चुकी है। इन लोगों की कोशिश होती है कि सीमेंट को ग्रामीण क्षेत्रों में बेच दिया जाए क्योंकि उन लोगों को सीमेंट के बारे में खास जानकारी नहीं होती। नकली सीमेंट में घटिया सीमेंट मिलाया जाता है जिसकी मजबूती और ग्रेड काफी कम होता है। यह सीमेंट मजबूती नहीं पकड़ता है और इससे डाला गया लेंटर खतरे से खाली नहीं होता। पुलिस ने खौड़ के हमीरपुर में कुछ सीमेंट विक्रेताओं से 445 घटिया सीमेंट की बोरिया बरामद की है। अभी तक पांच लोगों को ही गिरफ्तार किया गया है। करीब दो वर्ष पूर्व पुलिस ने शहर के सिदड़ा में चल रहे नकली सीमेंट के कारखाने से 468 बोरियों को बरामद की थी। ऐसे लोगों को कतई माफ नहीं करना चाहिए क्योंकि यह एक धोखा है। इन धोखों से बचने के लिए सरकार को भी आगे आना होगा और इसके लिए जो भी दोषी है, उनको सख्त सजा मिलनी चाहिए जो बाकियों के लिए भी सबक हो। पुलिस का भी यह दायित्व बनता है कि वह मामले की तह तक जाए जाए।

[ स्थानीय संपादकीय : जम्मू-कश्मीर ]