मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नोटबंदी के विरोध में देश भर में शोरगुल मचा रही हैं लेकिन उनको अपने राज्य पश्चिम बंगाल में ही राजनीतिक समर्थन नहीं मिल रहा है। उल्टे विपक्ष उन्हें राज्य में गंभीर रूप ले चुकी शिशु तस्करी और हजारों करोड़ रुपये के चिटफंड घोटाले पर घेरने पर आमादा है। दरअसल शुक्रवार से शुरू रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सत्तापक्ष नोटबंदी के विरोध में एक सर्वदलीय प्रस्ताव लाना चाहता है। संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने इसके लिए विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान से संपर्क किया था। उन्होंने इस मुद्दे पर दूसरी विपक्षी पार्टी वाममोर्चा को भी विश्वास में लेने की कोशिश की लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। विपक्षी दल कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टी वाममोर्चा ने विधानसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर सत्तापक्ष को समर्थन करने से साफ इन्कार कर दिया है। दोनों विपक्षी पार्टियां विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी शामिल नहीं हुई।
नोटबंदी के विरोध में सदन में प्रस्ताव लाने पर विपक्ष का समर्थन नहीं मिलने पर चटर्जी का कहना है कि विपक्षी दल अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ रहे हैं। विपक्ष को गैर जिम्मेदार ठहराने की चटर्जी की कोशिश तर्कसंगत नहीं है। विपक्षी दलों का काम ज्वलंत मुद्दों पर सरकारी की आलोचना करना है। ममता भी तो विपक्ष की नेता के रूप मे केंद्र के विरोध में सड़क पर उतर गई हैं। चटर्जी को समझनी चाहिए कि राज्य के विपक्षी दल गैर जिम्मेदार हैं तो राष्ट्रीय राजनीति में तृणमूल कांग्रेस भला कहां तक जिम्मेदार है।
पश्चिम बंगाल में सरकार विपक्षी दलों की कोई बात सुनने को तैयार नहीं है। विपक्षी दलों को अपनी उपेक्षा अब गवारा नहीं है। इसलिए कांग्रेस और वाममोर्चा ने पहले तो स्पीकर की सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया और बाद में राज्य में शिशु तस्करी और चिटफंड घोटाला पर सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा कर दी है।
मन्नान का कहना है कि सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस नोटबंदी वापस लेने की मांग पर विधानसभा में प्रस्ताव लाना चाहती है और उस पर वह सभी दलों से हस्ताक्षर कराना चाहती है। मन्नान का तर्क है कि कांग्रेस नोटबंदी वापस लेने के पक्ष में नहीं है। कांग्रेस बैंकों से पर्याप्त रुपये नहीं मिलने को लेकर इसका विरोध कर रही है। कांग्रेस चाहती है केंद्र बैंकों को पर्याप्त रुपये उपलब्ध कराए ताकि आम लोगों को रुपये निकलाने में परेशानी नहीं हो। वाममोर्चा विधायक दल दल के नेता सुजन चक्रवकर्ती ने भी इस मुद्दे परसत्तापक्ष को समर्थन करने से इनकार कर दिया है। ममता नोटबंदी के विरुद्ध राष्ट्र व्यापी प्रचार अभियान चला रही हैं। वह इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटी हैं। लेकिन अपने ही राज्य में वह विपक्ष को एकजुट नहीं कर सकी तो राष्ट्रीय स्तर पर वह विपक्षी दलों को एकजुट कर पाएंगी इसमें संदेह है।

[ स्थानीय संपादकीय : पश्चिम बंगाल ]