नगर पालिका चुनाव से बंगाल भाजपा को बड़ी उम्मीद थी। परंतु, भाजपा को तृणमूल ने बड़ा झटका दे दिया। सात निकायों में से चार पर तृणमूल ने जीत दर्ज की है। वहीं तीन निकायों पर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) को जीत मिली है। सबसे बड़ी बात यह रही कि पहली बार पहाड़ पर तृणमूल ने मिरिक नपा पर कब्जा किया और पहाड़ी क्षेत्र के अन्य नपा में भी खाता खोलने में सफलता हासिल की है। वहीं उत्तर दिनाजपुर के रायगंज नपा को तृणमूल ने कांग्रेस से छीन लिया है। यहां 27 वार्डों में से तृणमूल ने 24 में जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस- माकपा गठबंधन को दो और भाजपा को एक वार्ड में जीत मिली है। इसी तरह कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले मुर्शिदाबाद जिले के डोमकल नपा में 21 वार्डों में से 18 पर तृणमूल व तीन पर कांग्रेस-माकपा गठबंधन को जीत मिली है। परंतु, यहां जीत के बाद कांग्र्रेस के टिकट पर जीते दोनों प्रत्याशी तृणमूल में शामिल हो गए। वहीं दक्षिण 24 परगना जिले के पुजाली नपा में 16 में से 12 वार्डों में जीत कर तृणमूल ने अपना कब्जा बरकरार रखा है। यहां दो वार्डों में भाजपा और एक-एक वार्ड में कांग्रेस व निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली है। डोमकल व पुजाली में मुस्लिम प्रत्याशी उतारने के बावजूद भाजपा को सफलता नहीं मिल सकी। यह भी सत्य है कि रायगंज, पुजाली व डोमकल नगर पालिका क्षेत्र में मतदान के दौरान भीषण ङ्क्षहसा, बूथ में तांडव, ईवीएम तोडऩे जैसी घटनाएं हुई थी। वोटरों को बूथ तक नहीं जाने दिया गया था। कांग्रेस-माकपा व भाजपा ने चुनाव में व्यापक धांधली का आरोप लगाया था। कांग्र्रेस ने तो हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। चुनाव नतीजा आने के बाद जहां तृणमूल के नेता व कार्यकर्ता के उत्साह सातवें आसमान पर है तो भाजपा से लेकर अन्य विरोधी दल के नेता व कार्यकर्ता मायूस हैं। विरोधी दल कह रहे हैं कि यह गणतंत्र नहीं, वोट लूट व गुंडागर्दी की जीत है। भाजपा नेता राहुल सिन्हा का कहना है कि यह चुनाव नहीं गणतंत्र की हत्या और तृणमूल की गुंडागर्दी की जीत है। परंतु, सवाल यह उठता है कि अन्य विरोधी दल अपने संगठन को उतना मजबूत क्यों नहीं कर पाए कि तृणमूल की कथित गुंडागर्दी के खिलाफ प्रतिरोध उत्पन्न कर सके? पहाड़ी क्षेत्र में तो शांतिपूर्ण मतदान हुआ है, लेकिन वहां भी एक नगर पालिका पर तृणमूल को जीत मिली है।
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(हाईलाइटर:: विरोधी दल कह रहे हैं कि यह गणतंत्र नहीं, वोट लूट व गुंडागर्दी की जीत है। भाजपा नेता राहुल सिन्हा का कहना है कि यह चुनाव नहीं गणतंत्र की हत्या और तृणमूल की गुंडागर्दी की जीत है।)

[ स्थानीय संपादकीय : पश्चिम बंगाल ]