एयरपोर्ट, होटलों, स्टेशनों व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर विदेशियों से ठगी, लूटपाट व छेडख़ानी की घटनाएं होती रहती हैं, इस पर लगाम लगाने की जरूरत है

जर्मनी से आए पर्यटक पर हमला और उससे लूटपाट किए जाने की घटना से राजधानी दिल्ली में पुलिस चौकसी की पोल खुल गई है। यहां की सड़कों पर लूटपाट, दुष्कर्म जैसी वारदात आम हो गई है। पुलिस इन पर लगाम लगाने में पूरी तरह से विफल है। यही कारण है कि आए दिन दिल्ली के किसी न किसी इलाके में आपराधिक घटनाएं होती रहती हैं। अपराधी विदेशियों को भी निशाना बना लेते हैैं। एयरपोर्ट, स्टेशनों, होटलों व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर इनसे ठगी व ट्रेवल एजेंटों द्वारा गलत जानकारी देकर ज्यादा पैसे वसूलने, लूटपाट व छेडख़ानी की घटनाएं होती रहती हैं। विदेशी महिलाओं के साथ दुष्कर्म की वारदात भी हो चुकी है। इसके बावजूद विदेशी मेहमानों की सुरक्षा को लेकर पुलिस ने ठोस कदम नहीं उठाया है। हमें समझना चाहिए कि ऐसी घटनाओं से विदेश में भारत की छवि धूमिल होती है और विदेशी हमारे देश के बारे में गलत धारणा बनाते हैं। इसका नकारात्मक प्रभाव देश के पर्यटन उद्योग पर भी पड़ता है। इसलिए विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए पुख्ता कदम उठाने की जरूरत है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एयरपोर्ट, स्टेशनों और अन्य स्थानों पर इनके साथ अप्रिय घटना न हो और ये सुरक्षित तरीके से दिल्ली व अन्य शहरों में घूम सकें।
सुनसान सड़कों व स्थानों पर विशेष नजर रखने की जरूरत है। ऐसे स्थानों की पहचान कर वहां पर्याप्त संख्या में पुलिस की तैनाती और रोशनी होनी चाहिए। दिल्ली की कई सड़कों पर अंधेरा छाया रहता है, जिसका फायदा अपराधी उठाते हैं। जर्मन युवक के साथ भी लाल किला के पीछे सुनसान इलाके में लूटपाट की गई थी। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अन्य सार्वजनिक वाहन चालकों के साथ ही ई-रिक्शा और रिक्शा चालकों का नियमित अंतराल के बाद पुलिस सत्यापन करने की जरूरत है, ताकि इनके व्यवहार की जानकारी पुलिस को मिल सके। इन सबके साथ ही आम नागरिक को भी जागरूक रहना होगा। किसी भी अपराध या अपराधी की तुरंत सूचना पुलिस को देनी चाहिए। पीडि़त की सहायता करने में भी हमें गुरेज नहीं करना चाहिए।

[ स्थानीय संपादकीय : दिल्ली ]