उम्मीद है कि कैप्टन मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय संतुलन साधने पर भी उचित ध्यान देंगे, जिससे प्रदेश के हर हिस्से को सरकार में उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।

प्रचंड बहुमत के साथ दस साल बाद पंजाब की सत्ता में वापसी करने वाले कैप्टन अरमिंदर सिंह ने वीरवार को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनके साथ नौ विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। कैप्टन ने बेहद सादगी के साथ शपथ ग्रहण का आयोजन कर यह साबित कर दिया है कि वह नेक इरादे के साथ सरकार चलाना चाहते हैं। यह उचित भी है, क्योंकि प्रदेश की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है और सरकारी खजाने को सुदृढ़ करने के लिए सरकार को ऐसे ही फैसले करने होंगे, जिससे अनावश्यक खर्च से बचा जा सके। इसके अतिरिक्त कैप्टन के समक्ष कई ऐसी चुनौतियां भी खड़ी हैं, जो दस वर्ष पूर्व या तो बहुत सूक्ष्म थीं अथवा थी ही नहीं। तब न तो नशे का इतना शोर था और न ही कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी खराब थी। दोनों की समस्याएं नियंत्रण से लगभग बाहर हो चुकी हैं। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि प्रदेश में सरकार बदलने के बाद भी विभिन्न जिलों में लगातार कई वारदातें हुई हैं। चुनाव प्रचार के दौरान और उससे पूर्व इन दोनों मुद्दों के साथ ही किसानों की आत्महत्या का मामला खासतौर से चर्चा में रहा है। कहा जा सकता है कि इस बार के चुनाव में यही मुद्दे सबसे अहम थे और जनता ने इनका हल निकालने के लिए कैप्टन अरमिंदर सिंह पर विश्वास जताया। कैप्टन ने भी चुनाव जीतने के बाद अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि अपनी पहली पारी में जो गलतियां उनसे हुईं, इस बार वह उन्हें नहीं दोहराएंगे। कैप्टन के साथ ही उनके मंत्रियों पर भी बहुत बड़ी जिम्मेदारी होगी। प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ नए सिरे से लड़ाई लडऩी होगी और कृषि व शिक्षा जैसे क्षेत्र में भी बहुत कुछ किया जाना शेष है। साथ ही आवश्यकता इस बात की भी है कि पंजाब की संस्कृति और विरासत को और समृद्ध बनाया जाए। अब कैप्टन सहित उनके नौ मंत्रियों ने भी अपने-अपने विभाग की जिम्मेदारी संभाल ली है, साथ ही वे उन चुनौतियों से भी भलीभांति परिचित होंगे, जो उनके समक्ष हैं। उम्मीद है कि वे इन पर शीघ्र काम भी शुरू कर देंगे। इस सरकार में अभी कुछ और मंत्री भी बनाए जा सकते हैं। उम्मीद है कि कैप्टन मंत्री पद देते समय क्षेत्रीय संतुलन साधने पर भी उचित ध्यान देंगे, जिससे प्रदेश के हर हिस्से को सरकार में उचित प्रतिनिधित्व मिल सके। यह प्रदेश के संपूर्ण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।

[ स्थानीय संपादकीय : पंजाब ]