पंजाब में रोजाना हो रहे सड़क हादसों में जा रही जानें चिंता की बात है। दो दिन में अलग-अलग हुए हादसों में आठ लोगों की जान चली गई। सोमवार को मानसा में चार लोगों की मौत हुई, जबकि मंगलवार को बरनाला व रूपनगर में चार लोगों की जान चली गई। कुछ हादसे तो यातायात नियमों का पालन न करने के कारण हो रहे हैं। मानसा में हुए हादसे की वजह कैंटर द्वारा अचानक कट मारना रही, जबकि बरनाला में गलत साइड से वाहन निकालने पर हादसा हुआ। इससे पहले भी हुए कई हादसों की जांच में यह सामने आ चुका है कि यातायात नियमों का पालन न करने से हादसे हुए। प्रदेश में सड़क हादसों पर हाईकोर्ट भी चिंता जता चुका है। कोर्ट ने हाईवे के किनारे शराब ठेकों पर पाबंदी भी इसी कारण लगाई है। कई हादसों के बाद यह बात सामने आती है कि चालक ने नशा कर रखा था।

वाहन चालकों व सफर करने वालों को यातायात नियमों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कई बार लोग कुछ समय बचाने के लिए यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं और हादसों को न्योता देते हैं। हर किसी को यह समझना चाहिए कि जान से ज्यादा कीमती कोई चीज नहीं है। तेज रफ्तार भी हादसे की वजह बनती है। वाहन की रफ्तार बढ़ाकर हम कुछ मिनट ही बचाते हैं लेकिन ऐसा करने में हादसे का खतरा बना रहता है। इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए। प्रदेश में कई ऐसे स्पॉट हैं जहां हादसे का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसी जगहों पर समुचित चेतावनी बोर्ड जरूरी है। वाहन चालकों को ऐसी जगहों पर सावधानी बरतनी चाहिए। परिवहन विभाग व यातायात पुलिस की भी जिम्मेदारी है कि हादसों को रोकने के लिए उनकी ओर से जरूरी कदम उठाए जाएं।

कई चालक असुरक्षित वाहन को लेकर हाईवे पर निकल जाते हैं। जो वाहन अपनी लाइफ पूरी कर चुके हैं वे भी सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। इसी तरह कई ऐसे चालक भी वाहन दौड़ा रहे हैं जिन्हें यातायात नियमों की पर्याप्त जानकारी नहीं है। परिवहन विभाग यदि सख्ती करे तो कोई कारण नहीं कि खटारा वाहन सड़कों पर दौड़ते मिलें। इसी तरह यातायात पुलिस यदि अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाए तो लापरवाह चालकों पर भी अंकुश लगाया जा सकता है। सरकार व संबंधित विभागों के आलाधिकारियों को सड़क हादसों को गंभीरता से लेना होगा और हर वह कदम उठाने होंगे जो हादसे रोकने के लिए जरूरी हों।

  [ स्थानीय संपादकीय :पंजाब]