सही निर्णय
राज्य सरकार ने 465 हाई व प्लस टू स्कूलों में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत कंप्यूटर की शिक्षा शुरू करने का देर से ही सही लेकिन सही निर्णय लिया है।
राज्य सरकार ने 465 हाई व प्लस टू स्कूलों में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत कंप्यूटर की शिक्षा शुरू करने का देर से ही सही लेकिन सही निर्णय लिया है। केंद्र ने हाई स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा शुरू करने के लिए वर्ष 2007-08 में ही राज्य सरकार को 10.74 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन शिक्षा विभाग तथा सूचना तकनीक विभाग की लापरवाही व सुस्ती के कारण यह योजना शुरू ही नहीं हो सकी थी। राज्य सरकार को थक हारकर यह राशि केंद्र को वापस करनी पड़ी। केंद्र सरकार ने अब नई योजना के तहत कंप्यूटर शिक्षा के लिए 29.76 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की है। विभाग ने योजना के संचालन के लिए एजेंसी तथा स्कूलों का चयन भी कर लिया है। अब जरूरत योजना को समय पर शुरू कर देने की है। इसमें यह भी ध्यान रखना होगा कि चयनित एजेंसी इस कार्य को स्कूलों में सही तरीके से कर सके। इसके लिए उसके कार्यों की कड़ी मॉनीटरिंग करनी होगी, क्योंकि पूर्व के अनुभव कुछ ठीक नहीं रहे हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत राज्य के कई प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा शुरू की गई थी, लेकिन यह योजना सफल नहीं हो सकी। जांच के दौरान चयनित एजेंसियों द्वारा बिना प्रशिक्षित अनुदेशकों से बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा दिलाने की बात सामने आई थी। इसे लेकर राज्य सरकार की खूब किरकिरी भी हुई। हाई स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा की इस तरह दुर्गति न हो, इसके लिए सभी स्तर से सकारात्मक प्रयास करना होगा, खासकर जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जिन्हें इस योजना के क्रियान्वयन की मुख्य जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही स्कूल शिक्षकों तथा विद्यालय प्रबंध समितियों को भी इसमें सहयोगात्मक रवैया अपनाना होगा।
नई योजना के तहत चयनित एजेंसी कंप्यूटर नेटवर्किंग स्थापित करने, मेंटेनेंस तथा संचालन का काम पांच वर्ष तक बूट (बिल्ट आउन आपरेशन एंड ट्रांसफर) मॉडल पर करेगी। बाद में वह पूरी व्यवस्था राज्य सरकार को सौंप देगी। ऐसे में पहले से ही एक्शन प्लान तैयार कर लेना होगा कि एजेंसी द्वारा पांच साल के बाद पूरी व्यवस्था सौंप देने पर किस तरह स्कूलों में कंप्यूटर की व्यवस्था बरकरार रखी जाएगी। योजना के तहत प्रत्येक स्कूलों में दस-दस कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, प्रिंटर, जेनरेटर सेट आदि लगाए जाएंगे। स्कूलों में इन सामानों की सुरक्षा की भी उचित व्यवस्था करनी होगी।
[ स्थानीय संपादकीय : झारखंड ]