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राज्य में करीब डेढ़ लाख कनाल वन भूमि पर अवैध कब्जे हैं, जिसको छुड़वाने के लिए पूरे दलबल के साथ कार्रवाई करनी होगी
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सरकारी जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाने गई जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) और पुलिस की संयुक्त टीम पर भू-माफिया द्वारा पथराव में डायरेक्टर लैंड मैनेजमेंट और खिलाफवर्जी अधिकारी सहित चार लोगों के घायल होना चिंताजनक है। शहर के सिदड़ा के साथ लगते मजीन में बारह हजार कनाल वन और जेडीए की भूमि पर लोगों ने अवैध कब्जा जमा रखा है। विडंबना यह है कि लोगों ने कब्जाई भूमि पर पक्के मकान तक बना लिए हैं। इलाके की भौगोलिक परिस्थिति ऐसी है कि जब जेडीए के अधिकारी पुलिस के साथ इलाके को खाली करवाने जाते हैं तो उन्हें चारों ओर से घेरकर पथराव शुरू कर दिया जाता है। इससे अभियान सफल नहीं हो पा रहा है। पथराव की यह पहली घटना नहीं है इससे पहले भी कई बार सरकारी भूमि को खाली करवाने के दौरान जेडीए की टीम पर पथराव किए गए हैं। अब इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। इस भूमि को छुड़वाने के लिए पूरे दलबल के साथ कार्रवाई करनी होगी। अगर जेडीए जमीन को खाली नहीं करवा पाया तो अतिक्रमणकारियों के हौसले और बढ़ेंगे। इसमें कोई दो राय नहीं कि भू-माफिया वन भूमि पर नजरें गड़ाए बैठा है। शुरुआत में अस्थायी तौर पर ढांचे बनाए जाते हैं और फिर उन्हें पक्का कर बेच दिया जाता है। यह अफसोस की बात है कि राज्य में करीब डेढ़ लाख कनाल वन भूमि पर अवैध कब्जे हैं। ऐसे में विभाग ने विगत वर्ष नगरोटा के खानपुर इलाके में वनों को खाली करवाने का अभियान चलाया तो गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के लोग सड़कों पर अपने माल-मवेशी सहित उतर आए। बेशक इस समुदाय को जंगलों में अस्थायी रूप से कुल्ले बनाने और भेड़-बकरियों को चराने की अनुमति है लेकिन इसकी आड़ में कुछ लोग वन भूमि पर पक्के मकान बनाकर अपना स्वार्थ साध रहे हैं। अतिक्रमणकारियों की कोशिश रहती है कि सरकारी जमीनों पर कब्जा कर उसे बेच दिया जाए। इससे उनकी दखल नहीं रहती। इनमें वे लोग फंस जाते हैं जिन्होंने सस्ता समझ कर जमीन खरीदी होती है। अतिक्रमणकारी भी उन्हें झूठा आश्वासन देते हैं कि जल्द सरकार इलाके में बिजली, पानी और सड़कों बनाएगी। शहर की प्राइम लोकेशन होने के कारण भी लोग धोखे में आ जाते हैं। वे अपनी खून पसीने की गाढ़ी कमाई लुटा बैठते हैं। लोगों को चाहिए कि जमीन खरीदने से पहले छानबीन कर लें कि क्या वह कब्जाई भूमि तो नहीं।

[ स्थानीय संपादकीय : जम्मू-कश्मीर ]