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अधर में लटकीं परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाया जाय तो राज्य में जाम की समस्याओं से लोगों को पूरी तरह निजात मिल जाएगी
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मंदिरों के शहर जम्मू में बिक्रम चौक से गांधी नगर तक नवनिर्मित फ्लाईओवर को लोगों के लिए खोल दिए जाने से ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने में बड़ी सफलता मिलेगी। इसमें कोई शक नहीं कि उद्घाटन के बाद पहले ही दिन ट्रैफिक व्यवस्था पटरी पर नजर आती दिखी। व्यस्त बिक्रम चौक में गाडिय़ों के सरपट दौड़ते हुए लगा कि अगर इस तरह की लंबित परियोजनाओं पर काम हो तो लोगों को ट्रैफिक जाम की से जूझना नहीं पड़ेगा। नवनिर्मित फ्लाईओवर के नीचे स्थिति आम दिनों के मुकाबले बिल्कुल विपरीत दिखी। फ्लाईओवर से गुजरने की चाहत में सभी लोग चाहते और न चाहते हुए भी फ्लाईओवर से गुजरने के लिए आतुर दिखे। एक दफा तो लगा कि व्यस्त बिक्रम चौक वाहनों की आवाजाही के लिए शांत हो गया है, लोग भी यह दुआ कर रहे थे कि इस तरह की व्यवस्था शहर के व्यस्त रिहाड़ी, जानीपुर, सतवारी इलाकों में लगने वाले जाम से मिल जाए। विडंबना यह है कि शहर को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए दूरगामी योजना शामिल की थी, जिसमें कई फ्लाईओवर प्रस्तावित किए गए थे। लेकिन राजनीतिक स्वार्थ के चलते कई परियोजनाएं खटाई में पड़ गईं जिस कारण शहर आज वाहनों के मक्कडज़ाल में फंसकर रह गया है। शहर के रिहाड़ी इलाके में फ्लाईओवर शकुंतला, जानीपुर, सतवारी, ज्यूल और तालाब तिल्लो इलाके में प्रस्तावित थे, लेकिन इन पर काम नहीं हो पाया। वर्तमान में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए कोई मास्टर प्लान नहीं है, जिससे मंदिरों के शहर जम्मू में ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई है। जम्मू-अखनूर रोड को फोरलेन करने का प्रस्ताव 2010 में बना था लेकिन यह अधर में लटकर रह गया है। इसमें नेताओं की कोई गंभीरता भी नहीं दिखी। हालांकि, इन परियोजनाओं के आधार पर उन्होंने चुनावों के दौरान वोट बैंक बनाने की कोशिश जरूर की। इसमें कोई दो राय नहीं कि केंद्र सरकार ने शहर के बाहरी इलाके में ङ्क्षरग रोड जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन करने जैसी परियोजनाओं को अमलीजामा तो पहनाया लेकिन राज्य सरकार के अधीन आने वाली योजनाएं परवान नहीं चढ़ पाईं। केंद्र की भाजपा और राज्य की भाजपा और पीडीपी गठबंधन सरकार कई विकासशील परियोजनाओं को महत्व दे रही हैं। अभी भी वक्त है कि जम्मू शहर के विकास के लिए कई परियोजनाएं जिन पर काम नहीं हो पाया, उन्हें पूरा किया जाए जिससे कि लोगों का विश्वास बहाल हो सके। ये परियोजनाएं अधर में लटकी रहीं तो उससे लोगों को भी लगेगा कि सरकार ने उनसे न्याय नहीं किया।

[ स्थानीय संपादकीय : जम्मू-कश्मीर ]