राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण द्वारा हृदय रोगियों के इलाज में काम आने वाले स्टेंट की कीमतों में बड़ी कमी किया जाना राहत देने वाली खबर है। केंद्र सरकार की पहल पर प्राधिकरण ने यह कदम हालांकि देर से उठाया लेकिन, दुरुस्त उठाया है। इस फैसले को लागू करने के लिए प्रदेश शासन जो कदम उठा रहा है वह भी बहुत सुखद है। गरीबों और निम्न मध्यम वर्ग के जो मरीज हृदय रोग के महंगे उपचार के कारण परेशान होते हैं उनकी खुशी का ठिकाना नहीं होगा। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने १४ फरवरी को खास बेयर के मेटल स्टेंट का अधिकतम खुदरा मूल्य ४५ हजार रुपये से घटा कर ७,६२३ रुपये और ड्रग एल्यूटिंग स्टेंट का अधिकतम खुदरा मूल्य १.२१ लाख रुपये से घटाकर ३१ हजार रुपये निर्धारित किया है। मूल्यों में यह कमी उल्लेखनीय है। प्रधानमंत्री खुद चुनावी रैलियों में इसकी जानकारी दे रहे हैं। आम लोगों को इसका पूरा लाभ मिल सके इसके लिए प्राधिकरण के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने प्रदेश के प्रमुख सचिव से इस मामले में विशेष ध्यान देने को कहा था। प्राधिकरण की पहल पर अब प्रदेश का खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग भी सामने आया है। स्टेंट निर्माता, खुदरा व्यापारी, वितरक, आपूर्तिकर्ता और अस्पतालों नर्सिग होम के संचालक हृदय रोगियों से ज्यादा दाम न वसूलें और कृत्रिम अभाव न पैदा कर सकें इसके समुचित प्रबंध किये जा रहे हैं। राज्य सरकार ने सभी डीएम, एडीएम व एसडीएम निर्धारित मूल्य पर स्टेंट की बिक्री सुनिश्चित करने के लिए अधिकृत किया है। प्रमुख सचिव हेमंत राव ने आश्वस्त किया है कि इसे लेकर शिकायतें मिलने पर मुनाफाखोरों के खिलाफ सख्त कदम उठाये जायेंगे। निसंदेह यह सक्रियता प्रशंसनीय है लेकिन, तस्वीर का दूसरा पहलू यह भी है कि स्टेंट बनाने वाली कंपनियों ने स्वेच्छा से इसके मूल्य नहीं घटाये हैं। प्राधिकरण का दबाव न होता तो सामान्य जन को इसका लाभ नहीं मिल पाता। आज भी अनेक रोगों के इलाज में काम आने वाली दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के दाम इतने अधिक हैं कि वे सामान्य तबके की पहुंच से बाहर हैं। बड़ी आबादी चाहकर भी अपना या परिवारीजन का अच्छा इलाज नहीं करा पाती है। बेहतर होगा कि सभी महंगे और जटिल इलाजों से जुड़ी दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के मूल्यों की गहन समीक्षा कराई जाये। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण इस मामले में अपनी ठोस और प्रभावी भूमिका निभा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों का बड़ा भला होगा।

[ स्थानीय संपादकीय : उत्तर प्रदेश ]