माकपा ने कांग्रेस के साथ तालमेल कर चुनाव लड़ा था। चुनावी तालमेल का लाभ कांग्रेस को मिला है। कांग्रेस अकेले 44 सीटें जीतने में सफल हुई और माकपा वाममोर्चा के अपने घटक दलों के साथ 33 सीटों पर सिमट कर रह गई। कांग्रेस ने विधानसभा में विपक्षी दल का दर्जा हासिल कर लिया है। बड़े राजनीतिक दल के रूप में वाममोर्चा ने कांग्रेस के साथ चुनावी तालमेल किया था। वाममोर्चा ने कांग्रेस को 65 सीटें दी थी लेकिन उसने गठबंधन के नियम से बाहर जाकर लगभग दो दर्जन सीटों पर अतिरिक्त उम्मीदवार उतार दिए और वहां दोस्ताना लड़ाई की बात कही गई। लेकिन चुनाव के बाद अब कांग्रेस दूसरी बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। वह आगे भी माकपा के साथ तालमेल बरकरार रखना चाहती है। शनिवार को इसके संकेत विधानसभा में शपथ ग्रहण समारोह में मिले। शनिवार को पांच जिलों के विधायकों को शपथ दिलायी गई। प्रोटेम स्पीकर जटू लाहिड़ी ने विधायकों को शपथ दिलायी। सत्तारूढ़ दल के विधायकों के साथ शपथ दिलाते वक्त उन्होंने कांग्रेस विधायकों का भी नाम पुकारा लेकिन कोई उपस्थित नहीं हुआ। बाद में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अब्दुल मन्नान ने जटू लाहिड़ी से निवेदन किया कि कांग्रेस और माकपा के विधायक एक साथ शपथ लेंगे। इस बीच अब्दुल मन्नान ने सभी माकपा विधायकों को कांग्रेस के रूम में बुला लिया। माकपा के सुजन चक्रवर्ती और तन्मय भïट्टाचार्य से अब्दुल मन्नान ने कहा कि चुनाव जब एक साथ लड़ा गया है तो विधानसभा में भी एक साथ रहना होगा। अंत में सत्तारूढ़ दल के विधायकों ने जब शपथ ले ली तो अब्दुल मन्नान कांग्रेस और माकपा विधायकों के साथ कक्ष में उपस्थित हुए। उन्होंने कांग्रेस और माकपा विधायकों की सूची प्रोटेम स्पीकर जटू लाहिड़ी को सौंपी। प्रोटेम स्पीकर ने एक-एक कर नाम पुकारा और बारी-बारी से कांग्रेस औैर माकपा विधायकों ने शपथ ली।

माकपा ने सुजन चक्रïवर्ती को विधायक दल का नेता चुन लिया है। लेकिन कांग्रेस ने अभी तक विधायक दल के नेता नहीं चुना है। कांग्रेस विधायक दल के नेता की दौड़ में अब्दुल मन्नान और मानस भुइयां शामिल हैं। प्रदेश कांग्रेस ने दोनों नेताओं का नाम कांग्रेस हाईकमान के पास भेज दिया है। कांग्रेस हाईकमान तय करेगा कि कौन विधायक दल का नेता होगा। लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में अब्दुल मन्नान की हाव-भाव से लगा कि वह कांग्रेस विधायक दल के नेता होंगे। मन्नान ने ही माकपा विधायकों को अपने कक्ष में बुलाया था। कांग्रेस के कक्ष में दोनों दलों के विधायक एक दूसरे से गले मिले। मन्नान ने सुजन चक्रïवर्ती से बातचीत कर दोनों दलों के विधायकों की सूची तैयार की और उसे प्रोटेम स्पीकर के पास भेजा। शपथ ग्रहण समारोह में ही दोनों दलों के विधायकों ने जिस तरह एकजुटता दिखाई उससे लगता है कि विधानसभा में दोनों दलों में बेहतर तालमेल होगा।

[ स्थानीय संपादकीय : पश्चिम बंगाल ]