दिल्ली में महिलाओं के साथ हो रहा अपराध चिंता का विषय है। आए दिन महिलाओं के साथ हो रही वारदात से लगता है कि दिल्ली की सड़कें महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं हैं। कुछ दिनों पहले ही दिव्यांग बालिका हैवानियत की शिकार बनी थी। इसके बाद शुक्रवार शाम को चार वर्ष पहले हुई वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म कांड जैसी घटना दोहराने की कोशिश की गई। यह घटना इसलिए भी चिंतित करने वाली है, क्योंकि यह शाम को सात बजे घटी। उस समय न ज्यादा अंधेरा होता है और न सड़कें सुनसान रहती हैं। इसके बावजूद बुराड़ी चौक के बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रही युवती व उसके दोस्त को सेंट्रो कार सवार बदमाशों ने अगवा कर लिया। युवक का मोबाइल लूटने के बाद बदमाशों ने उसे कार से धक्का दे दिया और युवती को लेकर भाग निकले। गनीमत यह रही कि उसी समय पीसीआर वैन वहां से गुजरी और युवक ने पुलिस को सारी बात बता दी। जिससे अपराधियों को पकड़कर युवती को बचा लिया गया। लेकिन इस घटना ने दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल दी है। अपराधी यहां बेखौफ होकर सड़कों पर वारदात को अंजाम दे रहे हैं। निश्चित रूप से ऐसी घटनाओं से महिलाओं में असुरक्षा की भावना बढ़ेगी। इसलिए सरकार और दिल्ली पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म कांड के बाद सार्वजनिक वाहनों को सुरक्षित बनाने की बात हुई थी, लेकिन चार वर्ष बीत जाने के बाद भी यह नहीं हो सका है। सभी सार्वजनिक वाहनों में जीपीएस भी नहीं लगाया गया है। जिनमें लगे हैं, उनका रखरखाव ठीक से नहीं किया जा रहा है। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम भी अभी शुरुआती चरण में है। इसे शीघ्र पूरा करने की जरूरत है ताकि महिलाएं निश्चिंत होकर बसों में सफर कर सकें। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी ऑटो, टैक्सी व बसों में जीपीएस लगा हो। साथ ही सुनसान सड़कें, गलियों और अन्य स्थानों पर पुलिस पेट्रोलिंग के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने की जरूरत है ताकि अपराधियों पर नकेल कसा जा सके। कुछ स्थानों पर यह काम किया भी जा रहा है, लेकिन इसमें तेजी लाने की जरूरत है। इसके साथ ही आम जनता को भी सजग रहते हुए कोई अपराध होने पर इसकी जानकारी तुरंत पुलिस को देनी चाहिए।

[ स्थानीय संपादकीय : दिल्ली ]