झारखंड सरकार द्वारा राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजे गए एसपीटी/सीएनटी एक्ट संशोधन प्रस्ताव और स्थानीयता नीति में संशोधन न करने, बड़कागांव और गोला गोली कांड जैसे मुद्दों पर सोमवार को आहूत बंद के आईने में प्रतिपक्ष का एकजुट नजर नहीं आना कई सवाल खड़े करता है। जेवीएम अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और पूर्व केंद्रीय मंत्री वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय हाल में विकसित दोस्ती के तहत साथ-साथ जरूर दिखे लेकिन दोनों दलों का पूरा कुनबा एक नहीं लगा। प्रमुख प्रतिपक्षी दल झामुमो हमेशा की तरह अलग ही रहा, हालांकि राजनीतिक मजबूरियों के कारण उसने भी इस बंद को समर्थन देने की हाल ही में घोषणा की थी। ऐसे ही वाम दलों ने भी बंदी में भूमिका निभाई लेकिन एकजुटता में कमी रही। एसपीटी/सीएनटी एक्ट और स्थानीयता नीति के सवाल पर विभिन्न 40 सामाजिक संगठनों ने भी शनिवार की रांची रैली में इस बंद को समर्थन देने की बात कही थी। इस हालत में जैसा बंद होना चाहिए था, वैसा हुआ या नहीं, यह झारखंड के बाजार ही बता रहे हैं। बंद के आह्वान पर जैसा कि अक्सर होता है, व्यावसायिक वाहन नहीं चले, जबकि राजधानी रांची में निजी वाहन सड़क पर खूब उतरे, छिटपुट ही सही, तिपहिए भी दिखे।
यदि एकजुटता के साथ प्रतिपक्ष इस आयोजन में शरीक होता और जनजातीय समुदायों से जुड़े 40 संगठन भी साथ रहते तो नजारा कुछ और रहता। प्राय: ढाई साल पहले 2014 के लोकसभा चुनाव और कुछ महीनों बाद विधानसभा में पूरी तरह विखराव का शिकार रहा प्रतिपक्षी खेमा एक-एक कर ध्वस्त हो गया था। यह अलग बात है कि झामुमो अपनी दो लोकसभा सीटें और पूर्ववत 19 विधानसभा सीटें निकालने में कामयाब रहा था किंतु यदि एकजुटता से पूरा प्रतिपक्ष पेश आता तो राज्य की राजनीतिक दशा-दिशा कुछ और रहती। यहां तक कि विधानसभा के सत्रों में भी संपूर्ण प्रतिपक्ष एकजुट नजर नहीं आता रहा है। भाजपा नेतृत्ववाले सत्ताधारी खेमे को इन्हीं बातों का लाभ मिलता है। सोमवार के झारखंड बंद का हश्र ऊपर की बातों से कुछ अलग नहीं है। सरकार द्वारा लागू की गई स्थानीयता नीति और राष्ट्रपति को प्रेषित सीएनटी/एसपीटी एक्ट संशोधन अध्यादेश के जायज-नाजायज होने का सवाल थोड़ी देर के लिए अलग रखकर सोचा जाय तो प्रतिपक्ष में एकता न होना खुद उनके लिए कतई सेहतमंद नहीं है। यह अलग बात है कि बहुदलीय लोकशाही में संपूर्ण प्रतिपक्ष का हमेशा एकमत होना संभव भी नहीं होता।

[ स्थानीय संपादकीय : झारखंड ]