अल्पसंख्यकों पर राजनीति
बर्द्धमान के खागरागढ़ में हुए बम विस्फोट कांड में अब तक जितनी गिरफ्तारियां हुई हैं, उनमें अधिकांश बांग्लादेशी मुस्लिम हैं। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों के कुछ मदरसों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां चलने के सुराग भी मिले हैं। इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीतिक दल एकमत होने के बजाय अल्पसंख्यकों के नाम पर अपनी सियासी रोटियां सेंक रहे हैं। मुख्यमंत्री ममत
बर्द्धमान के खागरागढ़ में हुए बम विस्फोट कांड में अब तक जितनी गिरफ्तारियां हुई हैं, उनमें अधिकांश बांग्लादेशी मुस्लिम हैं। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों के कुछ मदरसों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां चलने के सुराग भी मिले हैं। इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीतिक दल एकमत होने के बजाय अल्पसंख्यकों के नाम पर अपनी सियासी रोटियां सेंक रहे हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि बंगाल में सांप्रदायिक सद्भाव व आपसी भाइचारे की मजबूत परंपरा है। भाजपा के जो नेता यहां आकर माहौल खराब करने के लिए उल्टी-सीधी बातें कर रहे हैं, उन्हें बंगाल की संस्कृति के बारे में कोई जानकारी नहीं है। बाबरी मस्जिद ध्वस्त होने के समय कोलकाता में भी दंगा लगा था। वह खुद इसके विरोध में सड़क पर उतरी थीं। उन्हें दंगा के भयावह रूप का अहसास है लेकिन जो लोग दंगा कराना चाहते हैं, वे सिर्फ अपना स्वार्थ देखते हैं।
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी का कहना है कि खागरागढ़ विस्फोट कांड में कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग गिरफ्तार हुए हैं लेकिन इसे लेकर ऐसा माहौल बनाया जा रहा है मानों पूरा मुस्लिम समाज ही आतंकी है। एक-दो मदरसों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां चलने के सबूत मिले हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि सभी मदरसों में आतंकी पैदा किए जा रहे हैं। जाहिर है कि अल्पसंख्यकों के प्रति अविश्वास पैदा करने का आरोप भाजपा पर लगा है इसलिए भाजपा ने इस मुद्दे पर सफाई दी है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने तर्क देते हुए कहा है कि तृणमूल कांग्रेस भाजपा को बदनाम करने के लिए इस तरह का कुप्रचार कर रही है मानों राज्य के सभी मुसलमान आतंकी हैं और सभी मदरसों में आतंकी गतिविधियां चल रही हैं। मुस्लिम समाज को यह साबित करना होगा कि एक-दो लोगों के गलत काम करने से सभी मुसलमानों को बदनाम नहीं किया जा सकता।
समग्र रूप से देखा जाए तो प्रमुख राजनीतिक दलों ने एक तरह से मुसलमानों के प्रति हमदर्दी जताई है और इस मुद्दे पर एक-दूसरे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। अन्य पार्टियों की तरह भाजपा भी जब यह मानती है कि एक-दो मुसलमानों के गलत करने से पूरे मुस्लिम समाज को बदनाम नहीं किया जा सकता तो वृहत्तर मुस्लिम समाज में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए राजनीतिक पार्टियां एक साथ आगे क्यों नहीं आती?
क्या राजनीतिक पार्टियों की यह जिम्मेदारी नहीं है कि देश की एकता व अखंडता की रक्षा के लिए देश में सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए एक स्वर में यह बात कहे। इस मुद्दे पर जब तक राजनीतिक पार्टियां दलगत भावना से ऊपर उठकर आवाज बुलंद नहीं करेंगी, तब तक मुसलमानों की प्रति उनकी हमदर्दी भी राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित मानी जाएगी।
(स्थानीय संपादकीय: पश्चिम बंगाल)