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शहरीकरण, औद्योगिकीकरण व ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए पेड़ बचाना बहुत जरूरी है। पूर्ण विकसित पेड़ बिना कुछ लिए कई साल तक हमें बहुत कुछ देता है
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पेड़ बचाओ, जीवन बचाओ सिर्फ नारा भर नहीं है बल्कि ऐसी बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे धरती पर रहने वाले हर एक इंसान को समझना होगा और उस पर अमल करना चाहिए। पेड़ों को बचाकर पर्यावरण को स्वस्थ बनाने व पृथ्वी को हरा-भरा बनाने का सब लोगों के पास बड़ा मौका है। पेड़ धरती पर जीवन का प्रतीक हैं व बहुत सारे लोगों और जंगली जानवरों के लिए प्राकृतिक घर। आधुनिक दुनिया में शहरीकरण, औद्योगिकीकरण व तेजी से बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से निपटने के लिए पेड़ों को बचाना बहुत जरूरी है। पूर्ण विकसित पेड़ बिना कुछ लिए मानवता की सेवा कई साल तक करता है। जीवन में पेड़ का भूमिका व महत्ता को समझना चाहिए और इसे सुरक्षित रखने की प्रतिज्ञा के साथ ही लोगों को अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। हिमाचल प्रदेश में भी हर साल वन महोत्सव के तहत लाखों पौधे रोपित किए जाते हैं। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहे कई संगठन भी पौधे रोपित कर प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं। स्थिति यह है कि पौधे रोपे जाने के बाद यह देखने की फुर्सत किसी के पास नहीं होती कि इनमें से कितने पेड़ बन पाए। समझना होगा कि पौधे रोपने से पर्यावरण के संरक्षण की जिम्मेदारी पूरी नहीं हो जाती। हिमाचल प्रदेश सरकार की यह पहल सराहनीय है कि अगर रोपे गए पौधे सूखे तो इसके लिए वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय होगी। सौ फीसद पौधे जीवित रहने पर वन कर्मियों के वेतन-भत्ते में वृद्धि के साथ पदोन्नति के अवसर मिलेंगे। नाकाम रहने पर इनमें सरकार कटौती भी कर सकती है। दूसरी पहल यह होगी कि छोटी उम्र के पौधे नहीं रोपे जाएंगे। इससे उनके पेड़ बनने की संभावना अधिक होगी। कोई सरकार की आंख मे धूल न झोंक सके, इसके लिए पौधरोपण वाले क्षेत्र का फोटो व वीडियो बेवसाइट पर अपलोड करना होगा। ये ऐसे कदम हैं, जिनसे निश्चित तौर पर वनों के अस्तित्व को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। ऐसा अध्ययन किया जाना अपेक्षित है, जिसमें यह देखा जाए कि पौधे क्यों पेड़ नहीं बन पाते? कौन से क्षेत्र के लिए कौन सा पौधा उपयुक्त रहेगा? इस अध्ययन को हकीकत में उतारने की भी जरूरत है। यह कहना गलत नहीं होगा कि धरती पर जीवन जल, ऑक्सीजन और पेड़ों की वजह से मुमकिन है और इसे दरकिनार नहीं किया जा सकता। अगर पेड़ खत्म हुए तो पृथ्वी से जीवन खत्म हो जाएगा। आओ सब मिलकर संकल्प लें कि पौधे रोपेंगे और उन्हें पेड़ बनाने के लिए जुटेंगे।

[ स्थानीय संपादकीय : हिमाचल प्रदेश ]