ब्लर के लिए
वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म कांड के बाद दिल्ली पुलिस ने महिलाओं के प्रति अपराध रोकने के लिए करोड़ों रुपये खर्च भी किए मगर कोई फायदा नहीं हुआ
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पांडव नगर में एक महिला को फ्लैट में बंधक बना पांच लोगों द्वारा उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करना न केवल शर्मनाक बल्कि इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला कृत्य है। हैवानियत की हद देखिए, जब महिला ने विरोध किया तो आरोपियों ने उसे निर्वस्त्र अवस्था में बाथरूम में बंद कर दिया। रात भर वह महिला मदद के लिए चिल्लाती रही पर किसी को भी उस पर दया नहीं आई। सुबह तक ऐसी ही अवस्था में रहने के बाद जैसे ही उसे मौका मिला तो उसने पहली मंजिल से छलांग लगा दी। बाद में एक ऑटो लेकर थाने पहुंची तो वहां पुलिस को सारी आपबीती बताई। उसके दोनों पैरों में भी गंभीर चोटें आई हैं।
यह घटना दिल्ली पुलिस और सरकार के तमाम दावों के बावजूद देश की राजधानी में महिलाओं के प्रति कम नहीं हो रहे अपराधों को तो बयां करती ही है, यह भी बताती है कि किस तरह हमारे समाज में विश्वास का संकट गहराता जा रहा है। खासकर महिलाएं तो अब किसी परिचित के साथ भी कहीं जाने का जोखिम नहीं ले सकती। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि विश्वास यदि एक बार टूट जाए तो फिर दोबारा कायम हो पाना नामुमकिन होता है।
समझ में नहीं आता कि दिल्ली में महिलाओं के प्रति अपराध क्यों नहीं थम पा रहे हैं। गौर करने लायक बात यह भी है कि आपराधिक घटनाओं में विश्व स्तर पर भी दिल्ली 58वें नंबर पर है। महिला अपराध को लेकर दिल्ली अमेरिका के न्यूयॉर्क और देश की व्यावसायिक राजधानी मुंबई से भी आगे है। विचारणीय पहलू यह कि वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म कांड के बाद दिल्ली पुलिस ने महिलाओं के प्रति अपराध रोकने के लिए करोड़ों रुपये खर्च भी किए मगर कोई फायदा नहीं हुआ। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि महिला अपराधों को थामने और दिल्ली को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने की दिशा में कुछ ठोस उपाय करना बहुत ही जरूरी है। इसके लिए जागरूक और अलर्ट सभी को होना होगा। सिर्फ पुलिस के भरोसे बैठे रहने से भी काम नहीं चलने वाला।

[ स्थानीय संपादकीय : दिल्ली ]