----------
लोग भी सतर्क रहकर अपने क्षेत्र में संदिग्ध को देखने पर तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दें, पुलिस को योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करने की जरूरत है
--------
जम्मू शहर में पिछले कुछ दिनों से चोरी की बढ़ रही वारदातों पर अंकुश न लग पाना चिंताजनक है। आए दिन चोरों के गिरोह शहर के किसी ने किसी स्थान को निशाना बना रहे हैं। इससे लोगों में भय तो बढ़ ही रहा है, पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं। विगत दिवस भी चोरों ने केनाल रोड क्षेत्र में खाली पड़े एक घर को निशाना बनाते हुए जेवरात चुरा लिए। यही नहीं दोमाना और पुरखु में भी चोरी की वारदातें हुईं। इससे पहले भी मलिक मार्केट, डिग्याना सहित कई क्षेत्रों में चोरों ने वारदातों को अंजाम दिया। इससे यह साफ हो जाता है कि चोरों के कई गिरोह शहर में सक्रिय हैं, जो वाहनों से लेकर स्कूलों, दुकानों व घरों तक को निशाना बना रहे हैं। लोग अपने आप को कहीं पर भी सुरक्षित महसूस नहीं करते। दिनदहाड़े चोर पुलिस की नाक तले घटनाओं को अंजाम दे जाते हैं। यह सही है कि पुलिस ने कई गिरोहों को पकडऩे के दावे किए हैं और चोरी किए गए सामान को बरामद भी किया है मगर हर बार जब भी पुलिस को लगता है कि अब सब कुछ सामान्य हो गया है, फिर कहीं न कहीं चोर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा देते हैं। चोरी की ये वारदातें किस कद्र गंभीर होती जा रही हैं, यह जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा आयोजित क्राइम रिव्यू बैठक से भी झलकता है। उन्होंने भी सभी अधिकारियों को चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए काम करने के निर्देश दिए। यह अच्छी बात है कि पुलिस भी इसे गंभीरता के साथ ले रही है। मगर पुलिस को इन वारदातों को अंजाम देने वालों के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करने की जरूरत है। कई बार देखा गया है कि जिन क्षेत्रों में सीसीटीवी लगे होते हैं, वहां पर चोरों को आसानी के साथ पकड़ा जाता है। पुलिस व प्रशासन को चाहिए कि वे शहर के प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी लगाए। गृह मंत्रालय की पहले से ही राज्य के प्रमुख शहरों व कस्बों में सीसीटीवी लगाने की योजना है। इसको अमलीजामा पहनाने की आवश्यकता है। वहीं, लोगों को भी सतर्क रहना चाहिए और अपने क्षेत्र में संदिग्ध को देखें तो तुरंत पुलिस को जानकारी दें। यही नहीं कई बार यह भी देखा गया है कि लोग अपने घरों को सुना छोड़ कर चले जाते हैं। चोर अकसर ऐसे स्थानों पर नजर रखते हैं और उसी को निशाना बनाते हैं। इससे भी बचने की जरूरत है।

[ स्थानीय संपादकीय : जम्मू-कश्मीर ]