नारद स्टिंग कांड में तृणमूल कांग्रेस के जिन नेताओं के नाम शामिल हैं, उनके बचाव के लिए तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें एकजुट रखने की रणनीति बनाई है। पार्टी के जिन एक दर्जन नेताओं पर रुपये लेने के आरोप हैं, उन्हें लेकर बैठक करने के बाद तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने रणनीति को अंतिम रूप दिया है। तय हुआ है कि जिन नेताओं पर आरोप हैं, वे सभी एकजुट रहेंगे और अगर सीबीआइ उन्हें पूछताछ के लिए बुलाती है तो वे जाएंगे औ सभी लगभग एक तरह का ही जवाब देंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ओडिशा दौरे पर होने के कारण उनकी अनुपस्थिति में मुकुल रॉय ने बैठक बुलाकर सभी नेताओं को एकजुट रहने की नसीहत दी है तो जाहिर है कि इस मामले में हर तरह से निपटने को लेकर पार्टी गंभीर है। बैठक में सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक भी मौजूद थे, यानी पार्टी कानूनी स्तर पर भी इससे निपटेगी। मुकुल रॉय ने कहा भी है कि जिन नेताओं के खिलाफ सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज की है, उनके बचाव के लिए कानूनी विशेषज्ञों की राय ली जा रही है। अपने आरोपी नेताओं के बचाव में पार्टी बेशक कानूनी लड़ाई लड़ सकती है, लेकिन सभी आरोपी नेताओं को एकजुट रखने और राजनीतिक स्तर पर मुकाबला करने लिए सबको तैयार करने को लेकर कई सवाल खड़े होते हैं। पूछताछ में सभी आरोपी नेताओं के समान जवाब देने का निर्णय करना भी अटपटा लगता है। सीबीआइ अलग-अलग आरोपी से परिस्थिति के अनुसार अलग-अलग सवाल कर सकती है। ऐसे में सभी के एक समान जवाब देने का कोई मतलब नहीं है। नारद स्टिंग कांड में जो नेता रुपये लेते हुए वीडियो फुटेज में दिख रहे हैं, उसमें नगर विकास मंत्री फिरहाद हकीम, पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, अग्निशमन तथा आवास मंत्री व कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी, परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी, सांसद काकोली घोष दस्तीदार, सांसद अपरुपा पोद्दार, सांसद सुल्तान अहमद, सांसद सौगत राय, सांसद प्रसून बनर्जी, पूर्व मंत्री मदन मित्रा, कोलकाता नगर निगम के उप मेयर व विधायक इकबाल अहमद और सांसद मुकुल राय शामिल हैं। अब जब सीबीआइ ने उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर लिया है तो कांग्र्रेस से लेकर वाममोर्चा व भाजपा के नेता कह रहे हैं कि नैतिकता तो यही बनती है कि सारे आरोपी पद से इस्तीफा देकर जांच का सामना करें। एकजुटता भी अच्छे काम के लिए शोभा देती है। सच पर पर्दा डालने को एकजुटता अर्थहीन है।
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(हाइलाइटर:::तय हुआ है कि जिन नेताओं पर आरोप हैं, वे सभी एकजुट रहेंगे और अगर सीबीआइ उन्हें पूछताछ के लिए बुलाती है तो वे जाएंगे औ सभी लगभग एक तरह का ही जवाब देंगे।)

[ स्थानीय संपादकीय : पश्चिम बंगाल ]