इसमें कोई दो राय नहीं कि पूरे देश में भाजपा का उत्थान हो रहा है। गैर भाजपा प्रभाव वाले क्षेत्रों खास कर पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत पर भी उसकी नजरें टिकी है। लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इतनी आसानी से अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में भाजपा को वाकओवर नहीं देगी। राज्य की राजनीति में वामपंथी दलों और कांग्रेस को ममता अब कोई महत्व नहीं दे रही है। वाममोर्चा का जनाधार सिमटता जा रहा है। लेकिन भाजपा को वह अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी मान रही है। भाजपा से मुकाबला के लिए ममता अपनी तैयारी में जुट गई है। वह लगातार जिला दौरा कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में ओडि़शा में संपन्न हुई भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक को ममता ने गंभीरता से लिया है। भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक संपन्न होने के 48 घंटे के अंदर ममता मंगलवार को भुवनेश्वर पहुंचेंगी। प्रधानमंत्री के वहां रोड शो करने के बाद ममता का तत्काल भुवनेश्वर दौरे पर जाने को राजनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पश्चिम बंगाल में पार्टी को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया गया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि पंचायत से लेकर संसद तक कब्जा होने पर वह भाजपा का स्वर्णकाल होगा। अगले वर्ष पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव है। जाहिर ममता बनर्जी अमित शाह के इस बयान को हल्के में नहीं ले रही हैं। यही वजह है कि उन्होंने तत्काल भुवनेश्वर दौरे पर जाने का निर्णय किया। वह मंगलवार को भुवनेश्वर जाएंगी और वहां एक राजनीतिक सभा को संबोधित करेंगी। भुवनेश्वर समेत पूर्वोत्तर भारत में तृणमूल कांग्रेस भी अपनी सांगठनिक स्थित मजबूत करने की तैयारी में है। तृणमूल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद वह इस दिशा में सक्रिय हो गई है। पश्चिम बंगाल में तृणमूल का मजबूत आधार है। ओडि़शा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में वह अपना विस्तार करना चाहती है। वैसे 21 अप्रैल को तृणमूल कांग्रेस का सांगठनिक चुनाव होगा जिसमें ममता पूर्वोत्तर के अतिरिक्त अन्य प्रदेशों में अपनी पार्टी के विस्तार की रणनीति तय करेगी। उससे पहले ममता मोदी के रोड शो का जवाब देने के लिए भुवनेश्वर जा रही हैं जो एक तरह से भाजपा के विरुद्ध तृणमूल कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन ही माना जाएगा।
(हाईलाइटर-अगले वर्ष पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव है। जाहिर ममता बनर्जी अमित शाह के इस बयान को हल्के में नहीं ले रही हैं। यही वजह है कि उन्होंने तत्काल भुवनेश्वर दौरे पर जाने का निर्णय किया)

[ स्थानीय संपादकीय : पश्चिम बंगाल ]