दरिंदगी की हद
यमुनापार के साउथ गणेश नगर इलाके में एक होटल के मालिकों व कर्मचारियों द्वारा एक नौजवान को मारपीट कर बुरी तरह जख्मी कर दिया जाना सचमुच दरिंदगी की इंतहा है।
यमुनापार के साउथ गणेश नगर इलाके में एक होटल के मालिकों व कर्मचारियों द्वारा एक नौजवान को मारपीट कर बुरी तरह जख्मी कर दिया जाना सचमुच दरिंदगी की इंतहा है। उस युवक का कसूर महज इतना था कि उसने होटल मालिकों से यह कहकर गर्म खाना देने की मांग की थी कि उसे ठंडा खाना दे दिया गया है। महज इतनी सी बात पर हुए झगड़े में होटल मालिकों ने अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर उस युवक को तंदूर की सींक व बेसबॉल से पीटा। उसके साथ इतनी जबरदस्त तरीके से मारपीट की गई कि उसके पेट, सीने, पैर आदि पर तंदूर की गर्म सीकों के दर्जनों जख्म आए। बुरी तरह जख्मी हालत में उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया जहां व आइसीयू में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। राजधानी में इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें खौलता तेल शरीर पर डाल देने अथवा तेजाब फेंक देने आदि की घटनाएं हुई हैं। सवाल यह है कि आखिर दिल्ली में यह क्या हो रहा है। आखिर ऐसी घटनाएं लगातार क्यों हो रही हैं। यदि इन पर समय रहते काबू नहीं पाया गया तो हालात बदतर हो जाएंगे।
शहर में हो रही इन घटनाओं का एक सबब तो यह है कि लोगों में कानून का भय कम होता दिखाई दे रहा है और दूसरी ओर घर से लेकर सड़क तक चारों ओर गुस्से का कहर है। रोड रेज की घटनाओं में हत्या तक हो चुकी है। जरा सी गाड़ी से गाड़ी छू जाए तो लोग मरने-मारने पर उतारू हो जाते हैं। साउथ गणेश नगर की घटना की ही बात की जाए तो उस नौजवान ने यही तो कहा था कि उसे गर्म खाना दिया जाए, उसे ठंडा खाना क्यों दिया गया। इसमें ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया जो गैरवाजिब हो। लेकिन इसके जवाब में उसे तंदूर की सींक से अमानवीय तरीके से मारा-पीटा जाना यही तो साबित करता है कि उस होटल वाले को न तो कानून का भय है और न ही अपने गुस्से पर काबू। इस घटना में यह बात भी सामने आ रही है कि घटना के वक्त कुछ पुलिस वाले भी वहां मौजूद थे लेकिन वे चुपचाप खिसक गए। यदि यह सच है तो इससे ज्यादा आपत्तिजनक बात भला और क्या हो सकती है। जरूरत इस बात की है कि इस पूरे मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो ताकि बाकी लोगों को भी एक सख्त सबक मिले।
[स्थानीय संपादकीय: दिल्ली]