(जिस मकसद से केंद्र सरकार योजनाएं बनाती है वह तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक राज्य सरकार इस पर गंभीरता से काम नहीं करती। )
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केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही कुछ योजनाओं पर पंजाब में उचित तरीके से काम न होने का मामला उजागर हुआ है। दो माह पहले सत्ता में आई कांग्र्रेस सरकार ने भी पूर्व प्रदेश सरकार पर केंद्र की ओर से जारी फंडों में घालमेल का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री द्वारा प्रदेश सरकार को पिछले माह लिखे गए पत्र के सामने आने के बाद यह मामला गंभीर हो जाता है। दरअसल जिस मकसद से केंद्र सरकार योजनाएं बनाती है वह तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक राज्य सरकार इस पर गंभीरता से काम नहीं करती है। आमतौर पर राज्य सरकार की लापरवाही दो तरीके से सामने आती है। एक तो जिस योजना के लिए केंद्र से फंड मिलता है उसके लिए फंड को खर्च करने के बजाय किसी और मद में खर्च कर देना। दूसरा राज्य के हिस्से के फंड को न देना। दोनों ही स्थितियों में प्रदेश की जनता केंद्र की योजनाओं से मिलने वाले लाभ से वंचित रह जाती है। प्रधानमंत्री आवास योजना की बात करें तो पंजाब में इसके तहत चौबीस हजार से ज्यादा मकान बनने थे लेकिन बने मात्र चार। जाहिर सी बात है कि प्रदेश सरकार ने इस योजना के प्रति यदि गंभीरता दिखाई होती तो यह हाल नहीं होता। इस योजना से बेघर गरीबों को जो लाभ मिल सकता था वह नहीं मिला। इसी तरह से महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए सेल्फ हेल्प ग्र्रुप के तहत केंद्र से मिलने वाले फंड का उपयोग भी पंजाब ने उचित तरीके से नहीं किया। केंद्र ने जितनी ग्र्रांट मंजूर की वह भी पंजाब नहीं जारी करवा सका। दूसरी तरफ पड़ोसी राज्य हरियाणा, हिमाचल प्रदेश आदि ने इस योजना का बेहतर तरीके से लाभ उठाया और पंजाब से कई गुना ज्यादा महिलाओं को जोड़ा। किसी भी प्रदेश में जब सरकार बदलती है तो आरोप-प्रत्यारोप लगते रहते हैं लेकिन केंद्रीय फंडों का किस तरह इस्तेमाल किया गया यह तो रिकार्ड में होता है। कुछ योजनाओं के तहत मिलने वाले फंड की दूसरी किस्त इसीलिए जारी नहीं हो पाती है क्योंकि पहली किस्त का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट केंद्र को नहीं दिया जाता है। ऐसा तभी होता है जब योजनाओं में सरकार या अफसरशाही के स्तर पर लापरवाही बरती जाती है। अब प्रदेश में नई सरकार बनी है जिससे उम्मीद की जाती है कि भविष्य में केंद्रीय योजनाओं को सही तरीके से लागू किया जाएगा और प्रदेश की जनता को इसका उचित लाभ मिलेगा। यह अच्छी बात है कि मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से मिलकर इस बात का आश्वासन भी दिया है।

[ स्थानीय संपादकीय : पंजाब ]