अगर इन अपराधियों को काबू न किया गया तो राज्य में कानून व्यवस्था पर सवाल उठना बड़ी बात नहीं होगी। राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बाद कुछ विशेष प्रकृति के अपराध का फीसद गिरा है, लेकिन लूट, हत्या, छिनतई और रंगदारी मांगे जाने की घटनाओं पर लगाम लगता नहीं दिख रहा। गौरतलब है कि इस राज्य के लोगों को अब सुकून से जीने, रहने और देर रात तक बेखौफ घूमने की आदत सी हो गई है। इसमें किसी भी सूरत में खलल बर्दाश्त नहीं होगी। अपराधियों ने लगातार एक के बाद एक बड़ी वारदात को अंजाम देकर लोगों को दहशत में डालने की जुर्रत की है, इसका मुकाबला किया जाना चाहिए। शासन के स्तर से पुलिस के आला अधिकारियों को सख्ती से काम लेने का निर्देश जरूरी है, ताकि निचले स्तर तक के पुलिस अधिकारियों तक इसका साफ संदेश जाए। बिहार की पुलिस विशेषकर शराबबंदी के मोर्चे पर जूझ रही है। हर दिन कहीं न कहीं शराब की बड़ी खेप पकड़ी जा रही है। ऐसे में दूसरी प्रकृति के अपराध के खिलाफ भी विशेष रणनीति के तहत काम करने की जरूरत है। विगत एक हफ्ते से अपराधियों ने कभी अपराध के लिए विख्यात बिहार को फिर से चर्चा में ला दिया है। इससे विपक्ष को भी बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है। भाजपा की घोषणा के मुताबिक राज्य के व्यवसाई अब सड़क पर उतरेंगे। हाजीपुर में पटना सिटी के किराना व्यवसायी और उसके सहयोगी को दौड़ाकर गोली मारने की घटना के विरोध में लोगों में उबाल दिखा। इसके विरोध में हाजीपुर गुदरी बाजार बंद कर सड़क जाम की गई। पटना में सोमवार को मारूफगंज और मंसूरगंज मंडी बंद रहीं। होली के समय में इस तरह की बंदी से व्यवसाय के साथ-साथ लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों की वस्तुओं पर असर पडऩा निश्चित है। इस वारदात के बाद लगातार दूसरे दिन अपराधियों ने पटना के बाढ़ में अपना दमखम दिखाया। दिनदहाड़े पंजाब नेशनल बैंक की कैशवैन से साठ लाख रुपये लूट लिए। ड्राइवर और दो गार्डों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस मामले की छानबीन में ही जुटी थी कि लगातार तीसरे दिन गया में कैशवैन से 25 लाख रुपये लूट लिए गए। वहां भी अपराधियों ने ड्राइवर को गोली मारकर घायल कर दिया। हालांकि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच लुटेरों को पकड़ लिया। लूट की रकम भी बरामद कर ली। पुलिस की ऐसी ही कार्रवाई की जरूरत है, क्योंकि ऐसी घटनाओं पर सख्ती से ही विराम लग सकता है।
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हाईलाइटर
राज्य में अपराधियों पर अंकुश के लिए पुलिस को और सख्ती दिखानी होगी। जब तक कड़ी कार्रवाई का डर पैदा नहीं किया जाएगा, अपराधी आज यहां तो कल वहां बड़ी वारदातों को अंजाम देते रहेंगे। इन घटनाओं से लोगों के जेहन में डर समा रहा है, जो उचित नहीं।

[ स्थानीय संपादकीय : बिहार ]