वीवीआइपी व वीआइपी की गाडिय़ों से लाल बत्ती के इस्तेमाल पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद विभिन्न राज्यों के नेता, मंत्री से लेकर प्रशासनिक व जजों ने भी अपने-अपने लाल व नीली बत्ती वाहनों से हटा दिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुरू से ही लाल बत्ती का इस्तेमाल अपनी कार पर नहीं करती रही हैं। इस बीच एक मई से नियम लागू होने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीशों ने भी अपनी गाडिय़ों से लाल बत्ती हटा दिया है। कई मंत्री व प्रशासनिक अधिकारी भी इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। परंतु, कोलकाता के टीपू सुल्तान मस्जिद के इमाम नूरूर रहमान बरकती लाल बत्ती लगाकर अपनी गाड़ी में घूम रहे हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि वह लाल बत्ती नहीं उतारेंगे। इस बारे में गत दिनों जब पत्रकारों ने बरकती से पूछा तो उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी बोलीं आप जला के रखें, खूब जलाएं, आप घूमते रहें, हम हैं। ममता ने उन्हें लाल बत्ती नहीं उतारने को कहा है। साथ ही कहा कि यहां केंद्र का कानून नहीं चलेगा। बंगाल में राज्य सरकार का कानून चलेगा। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश के जमाने से उन्हें लाल बत्ती मिली है और वह उसका इस्तेमाल करेंगे। हालांकि, अदालत के निर्देश पर परिवहन विभाग द्वारा लाल बत्ती इस्तेमाल करने वालों की बनाई गई सूची में बरकती का नाम नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इमाम भारतीय कानून से भी ऊपर हैं और वह इसे अपना अधिकार मानते हैं? क्या ऐसी स्थिति में राज्य पुलिस प्रशासन को इस संदर्भ में कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? मौलाना बरकती का तर्क है कि उनके पिताजी 50 वर्षों तक टीपू सुल्तान मस्जिद के इमाम थे और वह लाल बत्ती का इस्तेमाल करते थे। मस्जिद की तरह यह लालबत्ती भी हेरिटेज है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि इमाम के लाल बत्ती को लेकर कई वर्षों पहले हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर हुई थी। कोर्ट ने लाल बत्ती हटाने का निर्देश दिया था। बावजूद इसके उनकी गाड़ी में लाल बत्ती लगी हुई है। क्यों? क्या इमाम किसी आपातकालीन सेवा से जुड़े हुए हैं? इस पर उनका तर्क है कि वह शाही इमाम है। कई बार उन्हें जल्द कहीं दूसरे स्थान पर पहुंचना होता है। परंतु, क्या ममता बनर्जी जो खुद लाल बत्ती इस्तेमाल नहीं करती हैं वह क्या एक इमाम को लाल बत्ती लगाने की अनुमति दे सकती हैं? यह बड़ा सवाल है। वह केंद्रीय कानून के साथ-साथ अदालत के निर्देश का भी उल्लंघन नहीं कर रहे हैं।
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(हाईलाइटर:::अदालत के निर्देश पर परिवहन विभाग द्वारा लाल बत्ती इस्तेमाल करने वालों की बनाई गई सूची में बरकती का नाम नहीं है।)

[ स्थानीय संपादकीय : पश्चिम बंगाल ]