जनता ने पूरी समझदारी के साथ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर दिया है, अब बारी नई बनने वाली सरकार की है कि वह भी जनता से किए अपने वादों को पूरा करे।

होली से ठीक पहले पंजाब की जनता ने कांग्रेस को दीवाली मनाने का अवसर दे दिया है। यह अच्छी बात है कि जनता ने एक दल के पक्ष में जनादेश दिया है, जबकि इस बार आम आदमी पार्टी की उपस्थिति के कारण ऐसा माना जा रहा था कि प्रदेश में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। एग्जिट पोल का आकलन भी यही था कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला हो सकता है, लेकिन प्रदेश की जनता ने पूरी तरह एक दल की सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया। निस्संदेह इस फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए। एक सीमावर्ती प्रदेश होने के कारण यह अत्यंत आवश्यक है कि यहां स्थायी सरकार बने। इससे शासन चलाने में किसी प्रकार की किंतु-परंतु की संभावना स्वत: ही समाप्त हो जाती है। इसलिए जनता ने पूरी सतर्कता और समझदारी के साथ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर दिया है, अब बारी चुनाव जीतने वाले दल की और नई बनने वाली सरकार की है कि वह भी जनता से किए वादों को पूरा करे। प्रदेश में तमाम ऐसी समस्याएं हैं, जो मुंह बाए नई सरकार के समक्ष खड़ी मिलेंगी। नशा, कृषि, कर्ज, भ्रष्टाचार, अपराध और एसवाईएल जैसी समस्याओं का उपचार शीघ्र शुरू करना होगा। इसके अतिरिक्त विगत कुछ समय से प्रदेश में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं और इनके पीछे समाज को बांटने की साजिश की आशंका से इन्कार भी नहीं किया जा रहा है। कदाचित यह सब इसलिए हो रहा है, क्योंकि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह बिगड़ चुकी है। विगत कुछ वर्षों से प्रदेश में जिस प्रकार से अपराध बढ़े हैं उससे प्रदेश की जनता परेशान और भयभीत है। इन चुनौतियों से निपटना प्रदेश सरकार के लिए कतई आसान नहीं होगा। इसके लिए पूरी व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन भी करना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार के साथ तालमेल बनाकर काम करना भी बड़ी चुनौती होगी। यह अच्छी बात है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह ने चुनाव जीतने के बाद यह कहा है कि वह जनता से किए हर वादे को पूरा करने का प्रयास करेंगे। वह अनुभवी नेता हैं और पहले भी पांच वर्ष तक प्रदेश सरकार की कमान संभाल चुके हैं, इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि वह जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे और प्रदेश विकास पथ पर आगे बढ़ता रहेगा।

[ स्थानीय संपादकीय : पंजाब ]