प्रदेश की जनता को उम्मीद है कि नई सरकार उनके दर्द, उनकी समस्याओं को बेहतर तरीके से समझेगी और बजट में इन समस्याओं का उचित समाधान करेगी।

पंजाब सरकार मंगलवार को अपना पहला बजट पेश करने जा रही है। इससे एक तरफ जहां आम जनता की ढेरों उम्मीदें जुड़ी हुई हैं, वहीं सरकार के लिए इन उम्मीदों को पूरा करने की चुनौती भी है। प्रदेश की जनता ने इस बार विधानसभा चुनाव में विपक्षी दल को प्रचंड बहुमत देकर प्रदेश की सत्ता सौंपी है। उसे उम्मीद है कि प्रदेश में व्याप्त समस्याओं का नई सरकार बेहतर व ठोस हल निकालेगी। प्रदेश के हर वर्ग को इस बजट से बहुत उम्मीदें हैं। हालांकि बजट से एक दिन पहले ही सरकार ने किसानों के हित में कर्ज माफी का फैसला सुना दिया लेकिन और अनेक वर्ग हैैं जिनकी कई अपेक्षाएं हैैं। बेरोजगार रोजगार के लिए किसी ठोस नीति की आस लगाए हुए हैं। इसी तरह नशे पर लगाम लगाने, शिक्षा व कानून व्यवस्था में सुधार के लिए उचित उपाय करने, महंगाई को नियंत्रित करने, ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार करने के लिए भी सरकार से ठोस कदम उठाने की उम्मीद की जा रही है। पंजाब कभी खेलों के क्षेत्र में सिरमौर हुआ करता था। आज हालत अच्छी नहीं है इसलिए खेलों को प्रोत्साहन की योजनाओं की उम्मीद है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार शिक्षा पर भी बजट विशेष ध्यान देगी, ताकि भविष्य में इन दोनों क्षेत्रों में गुणात्मक सुधार हो सके। लंबे समय से पुलिस के आधुनिकीकरण की बातें की जा रही हैं, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम आज तक नहीं उठाया जा सका है। सरकार को चाहिए कि वह बजट में इसके लिए भी फंड का प्रावधान करे ताकि पुलिस विभाग को समय के मुताबिक अपडेट किया जा सके। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार इन सब बातों पर ध्यान देगी, हालांकि उसके लिए सभी की अपेक्षाओं पर खरा उतरना कतई आसान नहीं होगा। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण सरकारी खजाने की वर्तमान खस्ता हालत है। सरकार को बिना आम जनता पर कोई बड़ा बोझ डाले यह भी सुनिश्चित करना होगा कि आखिर सरकारी खजाने की हालत कैसे सुधारी जाए। चाहे किसानों की कर्ज माफी से जुड़ा मामला हो अथवा विकास व रोजगार से संबंधित समस्याएं, जब तक खजाने में धन नहीं होगा तब तक इनके ठोस समाधान की राह कठिन ही रहेगी।

[ स्थानीय संपादकीय : पंजाब ]