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जब तक हादसों से सबक नहीं सीखे जाते, उनकी पुनरावृत्ति होती रहेगी। समाज को जागरूकता की आवश्यकता है और नीति नियंताओं को संवेदनशील होने की
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हालांकि हिमाचल प्रदेश की पहचान का एक पक्ष अब सड़क हादसे भी हैं लेकिन बीते कुछ दिनों से जिस रफ्तार के साथ सड़क हादसों में वृद्धि हुई है, वह चिंताजनक है। जैसा कि हमेशा होता है, कुछ हादसों के पीछे प्राकृतिक आपदाओं, कुछ के लिए मानवीय भूल और कुछ के पीछे तकनीकी भूल का नाम लिया जाता है। हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा को छोड़ दें तो यह कहा जा सकता है कि तकनीकी भूल भी मनुष्य ही करता है। इस लिहाज से हर हादसे के पीछे कहीं न कहीं मानवीय भूल से इन्कार नहीं किया जा सकता। गाड़ी की रफ्तार तेज होना अगर मानवीय चूक है तो सड़कों का सही स्थिति में न होना या न रखा जाना भी मानवीय चूक क्यों न हो? माना कि विकास का ढिंढोरा पीटते प्रदेश में काफी मार्ग ऐसे भी हैं जो ठीक सी अवस्था में हैं लेकिन ज्यादातर ऐसे हैं जहां की खामियां देखने की फुरसत न नीति नियंताओं के पास है और न विभाग के पास। कहीं हादसों की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों की पहचान नहीं हैं, है तो वहां चेतावनी बोर्ड नहीं हैं। कहीं पैरापिट नहीं हैं। कहीं वाहन चलाते हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल हो रहा है। कहीं हेलमेट वाहन चालक के हाथ में नियम बन कर झूल रहे हैं, कहीं यातायात पुलिस सक्रिय है तो कहीं कोई पूछने वाला नहीं है। कहीं राजमार्ग दिखता है तो कहीं वह नाराजमार्ग दिखता है। कहीं आधे राजमार्ग को घेर कर ट्रकों से सामान उतारने और चढ़ाने जैसी कुछ व्यापारिक गतिविधियां दिखाई देती हैं। कुलमिला कर सब जल्दी में हैं। सबको तत्काल कहीं न कहीं पहुंचना है लेकिन सुरक्षित यातायात के लिए जो करना चाहिए, उसे कोई नहीं करता। यातायात नियमों के उल्लंघन का जिसे अवसर मिलता है, वही उसे गंवाना नहीं चाहता है। विभाग की हालत यह है कि नालों और गड्ढों में परिवर्तित सड़कों की पुकार कतई नहीं सुनी जा रही। सच यह है कि हादसा महज हादसा नहीं होता। कई घरों के चिराग बुझते हैं, कई के सिर से साया उठ जाता है और अगर कोई मौत से बच जाए और घायल ही हो तो भी जीवन कष्ट में ही गुजरता है। इसलिए यह आवश्यक है कि सड़क हादसों के प्रति जागरूकता को आदत बनाया जाए। समाज में यह सोच पनपे कि बचाव में ही बचाव है। जब तक सांप गुजरने के बाद लकीर पीटने का दस्तूर जारी रहेगा, सबक दूर की कौड़ी रहेंगे।

[ स्थानीय संपादकीय: हिमाचल प्रदेश ]