अलीगढ़ के भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व मंडल अध्यक्ष योगेश वाष्र्णेय ने जिस तरह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सिर कलम करने के लिए 11 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की उसकी चौतरफा निंदा हुई है। इस मुद्दे पर बंगाल से लेकर दिल्ली तक हाय-तौबा मची। बंगाल के वीरभूम में हनुमान जयंती के मौके पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज करने के बाद वाष्र्णेय ने ममता के सिर कलम करनेवाले को 11 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की। इस पर सबसे पहले तृणमूल कांग्रेस ने प्रतिक्रिया जताई और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उक्त युवा नेता के बयान को पागल करार दिया और कहा कि उनके विरुद्ध इस तरह का बयान देने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। तृणमूल कांग्रेस के सांसदों समेत विपक्षी सांसदों ने भी यह मुद्दा उठाया। सांसद जया बच्चन और बसपा की मायावती ने ममता बनर्जी के विरुद्ध इस तरह के बयान पर चिंता व्यक्त की और इसे नारी सुरक्षा के लिए खतरा बताया। इस पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सदन में कहा कि वह इस प्रकार के बयान की निंदा करते हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भाजपा ने स्पष्ट किया कि दो वर्ष पहले वाष्र्णेय को पार्टी से निकाला जा चुका है। उसके बाद वाष्र्णेय ने शाम को अपने बयान पर खेद जताते हुए उसे वापस ले लिया, लेकिन कोलकाता व वीरभूम जिले में उनके विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई। दूसरी ओर ममता समर्थक टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम मौलाना एसएमएनआर बरकती ने जवाबी फतवा जारी किया कि वाष्र्णेय का जो सिर कलम कर करेगा उसको वह 22 लाख रुपये का इनाम देंगे। खैर वाष्र्णेय ने जब अपना बयान वापस ले लिया और भाजपा ने भी स्थिति स्पष्ट कर दी तो यह विवाद यहीं खत्म हो जाना चाहिए, लेकिन तृणमूल कांग्रेस इसे जीवित रखना चाहती है। गुरुवार को भी तृणमूल समर्थकों ने इस मुद्दे पर विरोध जुलूस निकाला। विवाद को तूल देने पर यह सवाल भी उठ सकता है कि जब एक ही मामले में वाष्र्णेय के खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है तो इसी तरह का फतवा जारी करनेवाले इमाम को छूट क्यों दी जा रही है? यह बात दूसरी है कि कुछ मामलों में इमाम को फतवा देने का अधिकार है। परंतु, इस तरह का व्यक्तिगत फतवा देने का अर्थ क्या निकाला जाए? तृणमूल के नेता व मंत्री इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं तो एक इमाम किस तरह से ऐसे फतवे जारी कर सकते हैं?
--------------------
(हाईलाइटर::: वाष्र्णेय ने जब अपना बयान वापस ले लिया और भाजपा ने भी स्थिति स्पष्ट कर दी तो यह विवाद यहीं खत्म हो जाना चाहिए। परंतु, ऐसा नहीं होता दिख रहा है।)

[ स्थानीय संपादकीय : पश्चिम बंगाल ]