-----सुविधाएं होने के बावजूद कई अच्छे अस्पताल सिर्फ रेफरल यूनिट की ही भूमिका में नजर आते हैं।-----ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा बढ़ाने के प्रयास आजादी के साथ ही शुरू हो गए। अस्पतालों का ढांचा ब्लाक और कस्बा स्तर तक पहुंचाया गया। बड़े-बडे़ परिसरों में इमारतें बनीं, उपकरण पहुंचे। अस्पतालों का दर्जा बढ़ाया गया, स्टाफ की संख्या बढ़ाई गई। विशेषज्ञ डाक्टरों, स्पेशलाइज्ड पैरामेडिकल स्टाफ के पद स्वीकृत हुए लेकिन, हालात यह हैं कि अब भी इन सुविधाओं को संतोषजनक कतई नहीं कहा जा सकता। किसी पीएचसी में तैनात डाक्टर कहीं नर्सिग होम चलाता हुआ पाया जाता है, तो किसी अस्पताल में कंपाउंडर या उससे नीचे का कर्मचारी दवा बांटता दिखाई देता है। झोलाछाप की दुकानें धड़ल्ले से चलती हैं। दो-तीन डाक्टरों की तैनाती वाले अस्पतालों में तो बारी लगी हुई है, कुछ दिन एक डाक्टर सभी की ड्यूटी करता है और उसके गायब होने का नंबर आने पर दूसरा हाजिर हो जाता है। करीब एक चौथाई डाक्टर सालों से डयूटी से गायब मिलते हैं। सुविधाएं होने के बावजूद कई अच्छे अस्पताल सिर्फ रेफरल यूनिट की भूमिका में ही नजर आते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को चिकित्सकीय सुविधाओं में पिछड़े और ग्रामीण अंचल के हालात सही करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। पूरे प्रदेश को चार श्रेणी में बांटा गया है। पिछड़े जिलों को 'सी' और 'डी' श्रेणी में रखा गया है। डाक्टरों को हर हालत में पांच साल इन जिलों में काम करना होगा। साथ ही सेवानिवृत्त डाक्टरों की फिर से तैनाती का भी फैसला किया गया है। अब सवाल यह है कि सरकार की ओर से इतनी सख्ती के बावजूद डाक्टर पिछड़े जिलों और ग्रामीण अंचल में क्यों नहीं जाना चाहते? बड़े डाक्टर किसी संस्था के साथ जुड़ कर इन इलाकों में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर तो लगाते हैं मगर वहीं के अस्पतालों को अपनी सेवा देकर, उन अस्पतालों का स्तर बढ़ाने का प्रयास क्यों नहीं करते। सबसे पहले डाक्टरों में सरकारी सेवा के प्रति बढ़ी अरुचि के कारण खोजने होंगे, फिर उनका समाधान निकालना होगा। दीर्घकालीन डाक्टरों की नियुक्ति और तबादला नीति बने और कोई भी सरकार आए या जाए, यह नीति कायम रहे। दूसरे ग्रामीण इलाकों में सड़क, सुरक्षा और शिक्षा के साधन दुरुस्त किए जाएं। बाकी आवश्यकताएं तो खुद-ब-खुद पूरी होती चली जाएंगी और पूरे प्रदेश में एक समान चिकित्सकीय सुविधाएं मिलने लगेंगी।

[ स्थानीय संपादकीय : उत्तर प्रदेश ]