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गावस्कर-बार्डर ट्रॉफी के अंतिम एवं निर्णायक मैच में तमाम मिथकों को झुठलाते हुए धर्मशाला स्टेडियम ने क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में भी बेहतरीन होने की बात साबित कर दी है।
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अंतत: टेस्ट क्रिकेट की परीक्षा में भी पहाड़ों की गोद में बसा धर्मशाला स्थित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम पास हो गया। बेशक मैच चार दिन में ही खत्म होकर भारतीय टीम ने गावस्कर-बॉर्डर ट्रॉफी अपने नाम कर ली लेकिन इस स्टेडियम ने तमाम मिथकों को झुठलाते हुए क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में भी बेहतरीन होने की बात साबित कर दी। धर्मशाला के लिए मैच के आयोजन की चुनौती नई नहीं है। इससे पहले भी यहां अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय मैचों का सफल आयोजन हो चुका है। पिछले साल भी यहां टी-20 विश्व कप के 10 मुकाबले हुए थे। आइपीएल मैचों की मेजबानी कर हिमाचल अपनी साख कायम कर चुका है। यह स्टेडियम कुछ प्रथम श्रेणी क्रिकेट के मैचों का गवाह भी बन चुका है। इसी का नतीजा है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने पहाड़ की तलहटी में बसे हिमाचल के इस इकलौते स्टेडियम को टेस्ट मेजबानी के लिए चुना और यह देश का 27वां टेस्ट आयोजन स्थल बना। हालांकि टेस्ट को छोड़कर क्रिकेट के अन्य प्रारूपों में धर्मशाला स्टेडियम ने खुद को साबित कर दिया था। टेस्ट क्रिकेट यानी पांच दिन तक लगातार पिच का व्यवहार कैसा रहेगा, इस पर संशय था। धर्मशाला की पिच को तेज पिच माना जाता है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि शायद ही पांच दिन तक यह पिच टिक पाए लेकिन गावस्कर-बॉर्डर ट्रॉफी के अंतिम एवं निर्णायक मैच में पिच ने जिस तरह व्यवहार किया, उससे साबित हो गया कि यह विश्व की सबसे बेहतर पिचों में से एक है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनने से पहले धर्मशाला की पहचान मैक्लोडगंज से थी जहां निर्वासित तिब्बती सरकार का मुख्यालय व तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाईलामा का निवास स्थान है। अब टेस्ट मैच होने से धर्मशाला ने देश-विदेश के पर्यटकों का ध्यान खींचा है। जब भी कोई बड़ा आयोजन होता है तो उसका फायदा एक पक्ष को न होकर कई लोगों को होता है। प्रदेश के विकास में पर्यटन क्षेत्र अहम योगदान अदा करता है। हर साल लाखों सैलानी प्रदेश की मनमोहक वादियों का दीदार करने उमड़ते हैं। क्रिकेट के बहाने यदि प्रदेश में पर्यटकों की संख्या बढ़े तो इससे न केवल पर्यटन उद्योग को लाभ मिलेगा बल्कि कई लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा। प्रदेश को यदि प्रगति पथ पर और अग्रसर करना है तो जरूरत इस बात की है कि हर पक्ष एकजुट होकर प्रयास करे जिसमें क्रिकेट का अहम योगदान हो सकता है।

[ स्थानीय संपादकीय : हिमाचल प्रदेश ]